अवैध धर्मांतरण मामले में जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा समेत दो अरेस्ट, सामने आई चौंकाने वाली हकीकत

लखनऊ। एटीएस ने अवैध रूप से धर्म परिवर्तन कराने वाले गिरोह के मास्टरमाइंड और 50 हजार रुपये के इनामी जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा और उसकी साथी नीतू उर्फ नसरीन को गिरफ्तार कर लिया है। एटीएस इससे पहले गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।
अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) अमिताभ यश ने शनिवार को यहां बताया कि बलरामपुर के ग्राम मधपुर में पीर साहब, नसरीन, जमालुददीन, महबूब आदि के नाम से कई संदिग्ध व्यक्तियों के रहने, विदेशी फण्डिंग से एक साल के अंदर करोड़ों रुपये की संपत्ति, शोरूम, बंगला, लग्जरी गाडियां खरीदने की जानकारी प्राप्त हुई थी।
इस पर मामले की जांच एटीएस की दी गयी। एटीएस की जांच में सामने आया कि यह गिरोह सुनियोजित तरीके से युवतियों को प्रेमजाल में फंसाकर धर्म परिवर्तन कराता था। जांच के अनुसार, गिरोह के सदस्यों ने लगभग 40 बार इस्लामिक देशों की यात्रा की थी।
साथ ही, उन्होंने अपने नाम और फर्जी संस्थाओं के नाम से 40 से अधिक बैंक खाते खुलवाए थे, जिनमें लगभग 100 करोड़ का लेन-देन हुआ। ये फंड विदेशी स्रोतों से प्राप्त किए गए थे, जिनसे शोरूम, बंगले और लग्जरी गाड़ियों जैसी संपत्तियां खरीदी गईं।
इस पर यूपी एटीएस ने बलरामपुर के ग्राम मधपुर गांव से जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा और उसके साथी नीतू उर्फ नसरीन को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा खुद को पीर बाबा' और हज़रत बाबा जलालुद्दीन' के नाम से प्रचारित करता था। उसने 'शिजर-ए-तैय्यबा' नामक पुस्तक भी प्रकाशित की थी, जिसका उपयोग वह और उसके सदस्य इस्लाम धर्म के प्रचार-प्रसार और ब्रेनवाशिंग में किया जाता था।
जमालुद्दीन की काफी समय से तलाश की जा रही थी। इस पर 50 हजार रुपये का इनामी भी घोषित था। एडीजी लॉ एंड आर्डर ने बताया कि गिरोह की साजिशें बेहद खतरनाक थीं। हिंदू समाज की लड़कियों को प्रेमजाल में फंसाकर, झूठे नामों से शादी का झांसा देकर उनका ब्रेनवाश किया जाता था।
उन्होंने बताया कि लखनऊ निवासी गुंजा गुप्ता को 'अबू अंसारी' नामक युवक ने 'अमित' बनकर फंसाया और छांगुर बाबा की दरगाह ले गया, जहां उसका नाम बदलकर ‘अलीना अंसारी’ कर दिया गया। इसके बदले उन्हें अच्छी ज़िन्दगी, पैसे और सुरक्षा का लालच दिया गया। गिरोह ने हिंदू लड़कियों के धर्म परिवर्तन के लिए बाकायदा दरें तय कर रखी थीं।
एटीएस की जांच में सामने आया कि ब्राह्मण, क्षत्रिय और सिख लड़कियों के लिए 15-16 लाख, पिछड़ी जातियों के लिए 10-12 लाख और अन्य जातियों के लिए 8-10 लाख तक की राशि निर्धारित थी। यह धर्म परिवर्तन केवल धार्मिक नहीं, बल्कि पूरी तरह से संगठित आर्थिक अपराध था।
सिर्फ प्रेमजाल ही नहीं, बल्कि गरीब और असहाय लोगों को भी यह गिरोह निशाना बनाता था। यदि कोई धर्मांतरण से इनकार करता, तो उन्हें फर्जी मुकदमों में फंसाने की धमकी दी जाती। इस कार्य में छांगुर बाबा के साथ महबूब, पिंकी हरिजन, हाजिरा शंकर, सगीर, कथित पत्रकार एमेन रिजवी और नीतू जैसे लोग शामिल थे। यूपी एटीएस मामले की छानबीन कर रही है। साथ ही अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।