बाराबंकी : अनसुलझी पहेली बनी युवती की मौत, बेनतीजा जांच
घटना छोड़ गई कई सवाल, जवाब किसी का नहीं
बाराबंकी: अमृत विचार : शहर से सटे फतहाबाद कस्बा में एक हाेटल के पास युवती का शव मिलने की घटना पर रहस्य बरकरार है। दो दिन बीतने के बावजूद पुलिस की जांच किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है। मृतका कर्बला से घटनास्थल तक कैसे पहुंची, उसके साथ क्या हुआ, अनहोनी की स्थिति में कौन दोषी हैं। इन सवालों का जवाब किसी के पास नहीं है सिवाय इसके की जांच चल रही है। पीएम रिपोर्ट के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।
बताते चलें कि गत 6 जुलाई को शहर के एक मोहल्ले की रहने वाली 22 वर्षीय युवती बेगमगंज स्थित कर्बला पर लगा मेला देखने शाम के समय आई लेकिन घर वापस नहीं लौटी। परेशान परिजन उसकी तलाश कर ही रहे थे कि सोमवार की सुबह शहर से सटे फतहाबाद कस्बा में स्थित एक होटल के पास शव मिलने की खबर फैल गई। तलाश कर रहे परिजनों ने मृतका की पहचान अपनी पुत्री के रूप में की। बताया गया कि वह शारीरिक रूप से काफी अस्वस्थ थी। फौरी तौर पर पुलिस की जांच में कुछ भी सामने नहीं आया लेकिन हालात किसी अनहोनी की ओर इशारा करते रहे।
शव पोस्टमार्टम को भेजे हुए आज तीसरा दिन है। घटनास्थल पर युवती को पहली बार देखने वाले स्थानीय लोगों के बताने पर पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज का भी सहारा लिया। अब तक घटना पर पड़ा रहस्य हट नहीं सका है। सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि युवती बेगमगंज से करीब दो किलोमीटर दूसर पहुंची कैसे। उसके साथ क्या हुआ इसका पता तो पीएम रिपोर्ट से ही चलेगा लेकिन न जांच किसी नतीजे पर पहुंची है और न ही कोई हिरासत में लिया गया। इस तरह तीसरे दिन भी युवती की मौत अनसुलझी है। इस संबंध में अपर पुलिस अधीक्षक उत्तरी विकास चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि घटना की जांच की जा रही है। सारी रिपोर्ट आने के बाद ही सही वजह सामने आएगी।
हत्या के प्रकरण में पिता पुत्र को उम्रकैद की सजा
नौ साल पहले दिनदहाड़े युवक की निर्मम हत्या के मामले में गांव के ही अभियुक्त पिता पुत्र को आजीवन कारावास व जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई है। दोनों को एक एक लाख रुपये का अर्थदंड अदा करना होगा।
पुलिस के अनुसार 31 अगस्त 2016 को रामनेवाज यादव पुत्र गुरूदयाल निवासी करौधिया मजरे नैपुरा ने कोतवाली पुलिस को सूचना दी कि गांव के ही केशवराम यादव व इसके पुत्र सोनू यादव ने मिलकर उसके पुत्र की बाजार में दिनदहाड़े कुल्हाडी व हथौडी से मार कर हत्या कर दी। सूचना के आधार थाना हैदरगढ़ पर हत्या व सीएलए एक्ट आदि की धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया। तत्कालीन विवेचक निरीक्षक सुरेन्द्र प्रताप सिंह ने साक्ष्य संकलन कर वैज्ञानिक विधि से विवेचना पूर्ण कर अभियुक्त के विरुद्ध न्यायालय में आरोप पत्र प्रेषित किया। हत्या की धारा में न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश, विशेष न्यायाधीश ईसी एक्ट ने दोनों को दोषसिद्ध करते हुए प्रत्येक को आजीवन कारावास व 1,00,500- 1,00,500 रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया। वहीं दोनों को चार धाराओं में दोषमुक्त करार दिया।
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