15 वर्षों से धर्मांतरण करवा रहा था छांगुर बाबा, विदेशी फंडिंग से मिशन को कर रहा था पूरा

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Published By Muskan Dixit
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इस्लाम कुबूलने की बात कहकर मुकरने पर वह गुस्से में देता था धमकी

लखनऊ, अमृत विचार: धर्मांतरण कराने वाले गिरोह का सरगना छांगुर बाबा पिछले 15 वर्ष से सक्रिय है। अपने मिशन को पूरा करने के लिए विदेशों से फंडिंग कराता था। मिशन को सफल बनाने के लिए सिंधी परिवार को इस्लाम कुबूल करवाकर अपने साथ रखता था। साजिशन नीतू उर्फ नसरीन के नाम उसने अकूत संपत्तियां बनाई। यह खुलासा पुलिस कस्टडी रिमांड के पहले दिन एटीएस अधिकारियों की पूछताछ में हुआ। छांगुर बाबा व नसरीन से छह घंटे की पूछताछ की गई। इस दौरान एटीएस अधिकारियों ने पूछा कि कई लोगों ने उस पर धमकी और प्रताड़ित कर इस्लाम कुबूलवाने का आरोप लगाया है? इस पर उसने चुप्पी साधी। कुछ देर बाद लंबी सांस लेते हुए कहा कि जो पहले इस्लाम कुबूलने की बात कहते और फिर मुकर जाते थे उनको गुस्से में धमकी देता था।

एटीएस को धर्मांतरण गिरोह के सरगना जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा और उसकी करीबी नसरीन उर्फ नीतू की सात दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड मिली। गुरुवार को एटीएस ने गोसाईगंज जेल से सुपुर्दगी में लिया। सीधे बिजनौर स्थित एटीएस मुख्यालय लेकर गई। उसने शुरूआती दौर में एटीएस के अधिकारियों को गुमराह करता रहा। जब अधिकारियों ने साक्ष्य दिखाने शुरू किये तो उसने जवाब दिया। एटीएस अधिकारी ने एक साथ कई सवाल पूछ डाले कि कब बलरामपुर आए। धर्मांतरण कब से करा रहे हो? फंडिंग कहां से हो रही है? कहां-कहां बैंक खाते हैं? छांगुर ने जवाब दिया कि वह 15 साल से धर्मांतरण करा रहे हैं। उसने इस बात से इनकार किया कि वह जबरन इस्लाम कुबूलवा रहा था। उसने कहा कि वह पहले लोगों को अपने धर्म के बारे में बताता है, फिर जो राजी हो जाता है, उसे इस्लाम कुबूल करवाता था। कहा कि जो पहले इस्लाम कुबूलने की बात कहकर मुकरने पर वह गुस्से में धमकी दे देता था।

गरीबों की मदद के नाम पर आते थे विदेशों से रुपये

छांगुर बाबा ने एटीएस को बताया कि विदेशों से गरीबों की मदद के लिए रुपये भेजते थे। यह रकम पाने के लिए उसने नीतू उर्फ नसरीन के आठ बैंक खाते खुलवाये थे। बैंक ऑफ बड़ोदा में तीन, बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई व एचडीएफसी बैंक में एक-एक और एसबीआई में दो खाते खोले गए। बैंक ऑफ बड़ोदा के खाते में नेफ्ट के माध्यम से पांच करोड रुपये विदेश से भेजने का खुलासा हुआ। इसमें वर्ष 2021 में 24 फरवरी से 28 जून तक कुल जमा धनराशि 13 करोड़ 90 लाख रुपये रकम रही। इसमें 13 करोड़ 58 लाख रुपये रकम निकाली गई। इसी तरह नवीन के नाम से छह बैंक खाते खोले गए। ये खाते भी उक्त बैंकों में ही थे। इसमें भी 16 करोड़ 22 लाख रुपये का नेफ्ट के माध्यम से लेन-देन संदिग्ध पाया गया है। इसी तरह कई अन्य खातों में भी लेन-देन हुए हैं। पूछताछ में उसने दुबई के कई खातों का ब्योरा भी दिया है। गिरोह के कई नाम उगले छांगुर ने एटीएस की पूछताछ में उसने बताया कि नीतू व नवीन के अलावा सबरोज, रमजान, रशीद, शहाबुद्दीन धर्मांतरण में मुख्य भूमिका निभाते थे। विदेशों से आने वाली रकम का हिसाब भी यही लोग रखते थे।

महाराष्ट्र व नेपाल सीमा पर खरीदी जमीनें

एटीएस के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि वह और उसके साथी पिछले काफी समय से नेपाल सीमा से सटे इलाकों, महाराष्ट्र और यूपी के अन्य इलाकों में जमीनें खरीद रहे थे। इन सभी जगह पर कई सरकारी जमीनें भी फर्जी दस्तावेजों से अपने लोगों के नाम करवा ली थी। विवादित जमीने भी खरीदी और फर्जी दस्तावेज से अपने नाम कराई। इसमें कोर्ट में तैनात एक क्लर्क मदद करता था।

गिरोह से जुड़े सभी लोगों पर होगी कार्रवाई

एडीजी कानून-व्यवस्था अमिताभ यश बताया कि यह गिरोह पिछले 15 वर्ष से हिंदू युवतियों को बरगलाने के काम कर रहा है। जलालुद्दीन उर्फ छांगुर कई वर्षों से धर्मांतरण का काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के खिलाफ सबूत हैं, उन सभी को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस मामले में मोहम्मद अहमद का नाम भी आया है। एटीएस धर्मांतरण गिरोह की जांच कर रही है और इससे जुड़े सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। धर्मांतरण में विदेशों के फंडिंग की जानकारी मिलने के बाद ईडी ने एटीएस से एफआईआर की कापी मांगी है। कुछ सरकारी कर्मियों के भी छांगुर से कनेक्शन सामने आए हैं। इनमें से कुछ तो उसके साथ व्यवसाय भी कर रहे हैं।

लिपिक के पत्नी के नाम खड़ी की करोड़ों की संपत्ति

एटीएस की जांच में सामने आया कि कोर्ट में तैनात लिपिक राजेश उपाध्याय उसका खास मददगार है। मामले में नाम सामने आया तो पटल बदल दिया गया हे। छांगुर यह हिस्सेदारी लिपिक की पत्नी संगीता को न्यायालय में 156(3) के मामलों में मदद के नाम पर देने की बात कही गई है। इसकी पुष्टि पुणे के कुनेनामा ग्राम पंचायत लोनावला तहसील मवाल में 16 करोड़ रुपये में (187.5 गूठा) खरीदी गई जमीन के अनुबंध संगीता को लाभांश देने का उल्लेख है। यह जमीन 2,04,187 वर्ग फीट है। टीमें छांगुर के खातों में फंडिंग व धर्मांतरण की गुत्थी हल करेगी। एटीएस की रडार पर छांगुर बाबा के सभी सहयोगी और करीबी हैं।

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