मुरादाबाद : गर्दन में अकड़न, सिर, कमर व पैरों की नसों में दर्द से युवा परेशान
युवाओं में स्पोंडिलोसिस की परेशानी, हर रोज पहुंच रहे 10 मरीज
मुरादाबाद, अमृत विचार। अनियमित दिनचर्या, लैपटॉप और मोबाइल के अधिक प्रयोग से जिले के युवा सर्वाइकल और स्पोंडिलोसिस की चपेट में आ रहे हैं। गर्दन में अकड़न, सिर, कमर व पैरों की नसों में दर्द से परेशान युवा जिला अस्पताल पहुंच रहे हैं। चिकित्सकों के अनुसार मेडिसन ओपीडी में इस समस्या को लेकर हर रोज दस मरीज आ रहे हैं, जिसमें 50 प्रतिशत युवा शामिल हैं।
आज कल मोबाइल लोगों का हिस्सा बन गया है। दिन हो या रात लोग ज्यादातर समय मोबाइल पर ही बिता रहे हैं। इससे लोंगों का कंधा दर्द करने लगता है। मुख्य परामर्शदाता डॉ. ब्रह्म सिंह ने बताया कि घंटों सिर झुकाए रहने से स्पाइनल कॉर्ड की डिस्क में खराबी आने लगती है, जिससे कंधा जाम हो जाता है। जिससे रोगियों को हाथ घुमाने, उठाने में तकलीफ हो जाती है। कुछ वर्षों से सर्वाइकल-स्पोंडिलोसिस की बीमारी तेजी से बढ़ी है। इसमें शुरुआत में गर्दन की नसों में दर्द व अकड़न महसूस होती है। समय से इलाज न कराने के कारण यह गर्दन से हाथ व कमर के नीचे पहुंच जाता है। मरीज को चक्कर व उल्टी भी आने लगती है। यह समस्या ऊंचा सिरहाना, लैपटॉप पर लगातार घंटों काम करना, गर्दन झुकाकर मोबाइल चलाने से मांसपेशियों में तनाव होने से बढ़ रही है। इलाज के साथ फिजियोथिरेपी से मरीज ठीक भी हो रहे हैं।
14-15 वर्ष के बच्चों को भी हो रही दिक्कत
डॉ. ब्रह्म सिंह ने बताया कि इस समस्या से बड़े व बुजुर्ग ही परेशान नहीं हैं। 14-15 वर्ष की आयु के बच्चे भी इस बीमारी के शिकार हो रहे हैं। घंटों सिर झुकाकर मोबाइल फोन की स्क्रीन देखते रहने के कारण उनके कंधे जाम हो रहे हैं।
ऐसे करें बचाव
- कंप्यूटर, लैपटॉप या मोबाइल पर काम करते समय अपनी पीठ और गर्दन हमेशा सीधी रखें।
- ऐसी मेज और कुर्सी का चुनाव करें जिस पर काम करते समसय आपको आगे की ओर झुकना न पड़े।
- सोते समय तकिए का इस्तेमाल न करें, बिना तकिए के सोने में दिक्क्त हो तो ध्यान रहे कि तकिए की ऊंचाई छह इंच तक हो।
- नियमित योगाभ्यास इस समस्या का सही समाधान है।
- किसी विशेषज्ञ से सीखने के बाद इन आसनों को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
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