रेलवे के पांच इंजीनियर समेत नौ पर CBI ने दर्ज की रिपोर्ट, 3 करोड़ के बिल पास करने के लिए मांगी थी रिश्वत
लखनऊ, अमृत विचार : रेलवे के गति शक्ति परियोजना में हुए काम के तीन करोड़ रुपये का बिल पास करने के लिए इंजीनियरों व कर्मचारियों ने रिश्वत मांगी थी। इस मामले में सीबीआई से शिकायत की गई। सीबीआई ने रेलवे के पांच इंजीनियरों, फर्म संचालक समेत कुल नौ नामजद व अन्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज किया। इस मामले में सोमवार को लखनऊ के उत्तर व पूर्वोत्तर रेलवे के डीआरएम कार्यालय में छापा मारकर सीबीआई ने डिप्टी चीफ इंजीनियर, सीनियर सेक्शन इंजीनियर, ओएस और फर्म के कर्मचारी को गिरफ्तार कर लिया।
रेलवे ने स्टेशनों व अन्य निर्माण कार्यों के लिए मिशन गति शक्ति नाम से नई यूनिट स्थापित की। इसके तहत कई स्टेशनों के जीर्णोद्धार व निर्माण का काम शुरू कराया गया। उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल और पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल का काम टैंगेंट इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड के प्रवीण कुमार सिंह और सिकंदर अली को दिया गया। काम डिप्टी चीफ इंजीनियर विवेक कुशवाहा के निर्देशन में होना था। इन दोनों ने पूर्वोत्तर रेलवे डीआरएम कार्यालय में 3 करोड़ रुपये का बिल भुगतान के लिए लगाया। उच्चाधिकारियों ने बिल काम के अनुपात में अधिक होने के कारण आपत्ति लगाई। बिल भुगतान कराने के नाम पर फर्म के अधिकारियों से रिश्वत मांगी गई।
सीबीआई ने इन पर दर्ज की रिपोर्ट
शिकायत होने पर सीबीआई लखनऊ ने एफआईआर दर्ज की। जिसमें उत्तर रेलवे के डिप्टी चीफ इंजीनियर विवेक कुशवाहा, पूर्वोत्तर रेलवे वाराणसी के सीनियर डीईएन समन्वय राकेश रंजन, पूर्वोत्तर रेलवे डीआरएम वाराणसी के ओएस मनीष, एसएसई वर्क्स अभिषेक गुप्ता, एईएन के लेखा अनुभाग योगेश गुप्ता, कार्यालय में वरिष्ठ क्लर्क सुशील कुमार राय, टैंगेंट इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड के अधिकारी प्रवीण कुमार सिंह और उनके कर्मचारी जिमी सिंह और टैंगेंट इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड के अलावा दो अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया।
जून के आखिरी सप्ताह से शुरू हुआ खेल
सीबीआई के रिपोर्ट के मुताबिक टैंगेंट इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड के अधिकारी प्रवीण सिंह व कर्मचार जिमी सिंह द्वारा बिल भुगतान के लिए रिश्वत देने का खेल जून के आखिरी सप्ताह में शुरू हुआ। रिश्वत की पहली किस्त सीनियर डीईएन राकेश रंजन को 21 से 26 जून के बीच दो लाख रुपये जिमी सिंह ने वाराणसी में पहुंचाया। इसके बाद 28 जून को एसएसई वर्क्स अभिषेक गुप्ता ने प्रवीण कुमार सिंह से रिश्वत की मांग की। इसके लिए अपने खाते की डिटेल भी उपलब्ध कराई। प्रवीण के इशारे पर जिमी सिंह ने अकाउंटेंट केशव चौधरी के माध्यम से 50 हजार रुपये की राशि अभिषेक गुप्ता के खाते में जमा कराये। रिश्वत की दो किस्तों के आने के बाद 3 जुलाई को प्रवीण सिंह का तीन करोड़ का बिल पास करा लिया गया। इसकी जानकारी डीआरएम के ऑफिस सुप्रीटेंडेंट मनीष ने दी।
छापेमारी में ये हुए गिरफ्तार
सीबीआई के अधिकारियों के मुताबिक फर्म के अधिकारी प्रवीण ने सोमवार को लखनऊ के कई इंजीनियरों और कर्मचारियों को रिश्वत देने के लिए अपने करीबी कर्मचारी जिमी सिंह को भेजा। इसकी जानकारी होने पर सीबीआई की एंटी करप्शन टीम ने डीआरएम उत्तर रेलवे और डीआरएम पूर्वोत्तर रेलवे के कार्यालय में एक साथ छापा मारा। मौके से डिप्टी चीफ इंजीनियर विवेक कुशवाहा, जिमी सिंह, ऑफिस सुपरिटेंडेंट अंजुम निशा और सीनियर सेक्शन इंजीनियर अशोक रंजन को रंगेहाथ दबोच लिया। तलाशी के दौरान डिप्टी चीफ इंजीनियर विवेक कुशवाहा के पास से रिश्वत के ढाई लाख रुपये बरामद हुए। वहीं अंजुम निशा और अशोक रंजन के पास से 50 हजार रुपये बरामद किया।
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