लखनऊ : हॉस्पिटल में पार्टनरशिप का झांसा देकर बुजुर्ग से ठगे 13 करोड़
लखनऊ, अमृत विचार । विकासनगर स्थित राम जानकी हेल्थ केयर हॉस्पिटल में पार्टनरशिप का झांसा देकर डॉक्टर व निदेशक पिता-पुत्र ने बुजुर्ग से 2.80 करोड़ रुपये ऐंठ लिए गए। साथ ही बुजुर्ग की संपत्ति को गिरवी रखकर बैंक से लिया गया 10.15 करोड़ का लोन भी हड़प लिया। शक होने पर पीड़ित ने निदेशक पद छोड़ने की बात कही। इसपर आरोपी डॉक्टर ने कम्पाउंडर के नाम से फर्जी कंपनी बना सारे रुपये उसमें ट्रांसफर करा लिए। आरोप है कि फर्जीवाड़े में बैंक के अधिकारी भी शामिल हैं। कोर्ट के निर्देश पर विकासनगर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर ली है। एसओ आलोक कुमार सिंह ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।
इंदिरानगर के आम्रपाली कॉलोनी निवासी 64 वर्षीय विद्युत कुमार जैन के विकासनगर रिंग रोड स्थित प्लॉट पर इंदिरा काम्प्लेक्स बना है। उन्होंने बताया कि राम जानकी हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक डा. सिद्धार्थ मिश्रा व आर्यन गुप्ता ने दिसंबर 2022 में हॉस्पिटल में पार्टनरशिप का ऑफर दिया। बताया कि फर्म राम जानकी हेल्थ केयर के सीईओ देवेंद्र गुप्ता थे। कहा गया कि बिल्डिंग में ही अस्पताल का संचालन होगा। इसमें विद्युत 36 प्रतिशति, डा. सिद्धार्थ मिश्रा 48 प्रतिशत और आर्यन गुप्ता 16 प्रतिशत के पार्टनर होंगे।
एग्रीमेंट होने के बाद पीड़ित ने राम जानकी के यूनियन बैंक खाते में 1.30 करोड़ दिए थे। साथ ही मार्च 2023 में राम जानकी ने मेडिकल उपकरण खरीदने के लिए मेडिटीम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को 1.50 करोड़ भेजे थे। पीड़ित ने बताया कि अस्पताल फर्म के पास कोई प्रॉपर्टी न होने के कारण लोन नहीं मिल पा रहा था। इसपर पीड़ित ने पत्नी की महमूदाबाद स्थित भूमि को इंडियन बैंक में गिरवी रखकर 10.15 करोड़ का लोन लिया था। आरोपियों ने प्रतिमाह 10 लाख देने का आश्वासन दिया था।
मई 2024 में अस्पताल के काम में कुछ शक होने पर पीड़ित ने जून माह में एक एग्रीमेंट बनाया। जिसमें लिखा गया कि अस्पताल की तरफ से उन्हें कोई भी पेपर नहीं दिए गए हैं। लिहाजा वे हिस्सेदारी को खत्म करना चाहते हैं। आरोप है कि आरोपियों ने इंडियन बैंक के अधिकारियों से सांठगांठ कर कोटेशन बदलवा कर मेडिकेयर सॉल्यूशन सीतापुर नाम से फर्जी कंपनी बना ली, जो डा. सिद्धार्थ मिश्रा के कम्पाउंडर अजीत यादव के नाम थी। साथ ही मेडिटीम इंडियन के खाते में पीड़ित द्वारा भेजी गयी रकम मेडिकेयर सॉल्यूशन के खाते में ट्रांसफर करा ली।
यही नहीं आरोपियों ने लोन के 9 करोड़ रुपये भी ट्रांसफर करा लिए। नवंबर 2024 में जानकारी होने पर पीड़ित विद्युत कुमार ने बैंक में शिकायत की लेकिन कुछ नहीं हुआ। दिसंबर माह में निदेशक पद से इस्तीफा देकर अपने रुपये वापस मांगे। इसपर बैंक अधिकारियों ने नुकसान की बात कही। जिसके बाद आरोपियों ने उनकी बिल्डिंग नौ साल की लीज पर ली। बिना नक्शा स्वीकृत कराए हॉस्पिटल का निर्माण कराने के चलते भवन को सीज कर दिया गया। आरोपियों ने किस्त जमा नहीं की, जिसके चलते बैंक ने उन्हें नोटिस भेज दी। रुपये वापस मांगने पर आरोपियों ने गाली-गलौज कर धमकाया। विकासनगर पुलिस ने डा. सिद्धार्थ मिश्रा निवासी मशकगंज चौक, आर्यन गुप्ता और उसके पिता देवेंद्र गुप्ता निवासी ओमेक्स गोमतीनगर विस्तार के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है।
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