प्रयागराज : विचाराधीन मामलों में पुलिस को अधिवक्ताओं से संपर्क करने से रोकने के लिए दिशा निर्देश बनाएगी सरकार
प्रयागराज, अमृत विचार : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पाया कि जिलाव्यापी आदेश पारित होने के बावजूद पुलिस अधिकारियों द्वारा आदेशों का पालन नहीं किया जा रहा है। इस पर सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता ने कोर्ट को सूचित किया कि राज्य सरकार शीघ्र ही इस संबंध में राज्य स्तर पर दिशा निर्देश तैयार करेगी, जिसके तहत पुलिसकर्मियों को न्यायालय की अनुमति के बिना मुकदमे से संबंधित स्थान पर जाने तथा न्यायालय में विचाराधीन मामलों में पक्षकारों का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ताओं से सीधे संपर्क करने से रोका जाएगा।
दरअसल जौनपुर गांव में गांव सभा की भूमि पर अतिक्रमण के संदर्भ में 90 वर्षीय याची ने स्थानीय पुलिस अधिकारियों पर याचिका वापस लेने के लिए धमकी देने का आरोप लगाते हुए वर्तमान जनहित याचिका दाखिल की थी। याची के आरोपों को गंभीरता से लेते हुए हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में जौनपुर के पुलिस अधीक्षक ने बताया कि 12 जुलाई 2025 को एक जिला व्यापी आदेश जारी किया गया था।
जिसमें जौनपुर के सभी पुलिस स्टेशनों को निर्देश दिया गया था कि वह न्यायालय की अनुमति के बिना उन स्थानों का दौरा नहीं करेंगे, जहां मुकदमा चल रहा है और न्यायालय में विचाराधीन मामलों में आवेदकों के अधिवक्ताओं से सीधे संपर्क भी नहीं करेंगे। अंत में वर्तमान मामले पर सुनवाई के दौरान अपर महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार को राज्य स्तर पर समान दिशा- निर्देश लागू करने के लिए 10 दिन का समय चाहिए होगा।
अतः अनुरोध को स्वीकार करते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार और पुलिस अधीक्षक, जौनपुर को हलफनामा दाखिल करने के लिए 10 दिन का समय दिया। अब मामले की सुनवाई आगामी 28 जुलाई 2025 को सूचीबद्ध की गई है। उक्त आदेश न्यायमूर्ति जे जे मुनीर की एकलपीठ ने गौरी शंकर सरोज की याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया।
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