नियुक्ति तो मिल गई मगर वर्दी नहीं, 125 संविदा महिला कंडक्टर बिना Uniform कर रही डयूटी  

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Published By Anjali Singh
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लखनऊ, अमृत विचारः परिवहन निगम में चालकों-परिचालकों की वर्दी अक्सर चर्चा में रहती है। कभी समय से मिली नहीं तो कभी ड्राइवर-कंडक्टरों के न पहनने को लेकर। नियम है कि डयूटी के वक्त ये रोडवेजकर्मी वर्दी पहनेंगे। जुर्माने का भी प्रावधान है। 125 संविदा महिला परिचालकों को मई में नियुक्ति पत्र बांटा गया। 

परिवहन निगम की ओर से रोजगार मेले के दौरान इन महिला संविदा कर्मचारियों को नौकरी मिली। तकरीबन दो महीना बीत जाने के बाद भी इन संविदा कर्मचारियों को वर्दी नहीं दी गई है जबकि उन्होंने अपनी डयूटी शुरू कर दी है। नतीजा यह महिला परिचालक बिना वर्दी के ही डयूटी कर रही हैं। लखनऊ रीजन की बसों में अधिकांश ऐसे कर्मी हैं जो बिना वर्दी के ही बसों का संचालन कर रहे हैं।

इस तरह लिया जाता है जुर्माना

परिवहन निगम के चालक और परिचालक के लिए ड्रेस कोड निर्धारित किया गया है। ऐसा न करने पर पहली बार पकड़े जाने पर 100 रुपए, दूसरी बार पकड़े जाने पर जुर्माने की राशि बढ़ाकर 200 रुपए देना होता है। जबकि तीसरी बार पकड़े जाने पर अनुशासनहीनता की कारवाई का प्रावधान है। परिवहन निगम की ओर से वर्दी के लिए बजट भी दिया जाता है। चालक व परिचालक को 1800 रुपए बैंक अकाउंट में दिया जाता है।

क्षेत्रीय प्रबंधक ने रोजगार मेले में नौकरी पाने वाली महिला संविदा परिचालकों की ट्रेनिंग चल रही थी। अभी सभी परिचालकों को कार्य पर नहीं लगाया गया है। जल्द ही इन महिला परिचालकों को वर्दी के लिए आवंटित धनराशि उनके बैंक खाते में भेज दी जायेगी।

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