Bareilly: रबड़ फैक्ट्री...राज्य कर के 27.30 करोड़ बकाये पर 147.05 करोड़ ब्याज

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Published By Monis Khan
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राज्य कर विभाग में 1963 से पंजीकृत 26 साल से बंद चल रही रबड़ फैक्ट्री पर 39 साल से बकाया

राकेश शर्मा, बरेली। राज्य कर विभाग ने 26 साल से बंद चल रही रबड़ फैक्ट्री (सिंथेटिक एवं केमिकल्स) पर व्यापार कर का बकाया 174.36 करोड़ रुपये निकाल दिया। रबड़ फैक्ट्री पर मूल बकाया 27.30 करोड़ रुपये था, लेकिन वर्ष 1986 से व्यापार कर की धनराशि जमा नहीं हुई। अब यह धनराशि ब्याज सहित मिलाकर 174.36 करोड़ रुपये हो गई। बकाये की इतनी बड़ी धनराशि वसूल करने के लिए राज्य कर खंड-5 उपायुक्त डीके सिंह ने जिला प्रशासन को चिट्ठी लिखी है।

राज्य कर खंड-5 उपायुक्त ने पत्र लिखकर बताया कि यह फर्म वाणिज्य कर विभाग अब (राज्यकर विभाग) में मई 1963 से पंजीकृत है और जुलाई 1999 से बंद चल रही है। फर्म पर 30 जून 2025 तक बकाये की मूल धनराशि 27.30 करोड़ रुपये से अधिक थी। इस पर 39 सालों में ब्याज के 147.05 करोड़ से अधिक की रकम बन गई। बकाया ब्याज की गणना सहित कुल बकाया 174.38 करोड़ रुपये से अधिक है।
चिट्ठी में बताया है कि अपर मुख्य सचिव राज्य कर ने 8 अप्रैल को लखनऊ में समीक्षा बैठक की थी। उस बैठक में दिए निर्देशों के क्रम में 9 अप्रैल को संयुक्त आयुक्त (कार्यपालक) राज्य कर संभाग-ए बरेली के साथ तत्कालीन जिलाधिकारी से मुलाकात कर विभागीय बकाये संदर्भ में उच्च न्यायालय बॉम्बे में चल रहे वाद के संबंध में वार्ता की। अपर मुख्य सचिव राज्य कर के निर्देश की जानकारी जिलाधिकारी को दी गई। तत्कालीन जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार ने बताया था कि विभागीय बकाये को जिला प्रशासन ने सक्षम स्तर पर रखा गया था।

प्रमुख सचिव कर रहे समीक्षा, प्रगति भेजने को नहीं सूचना

- राज्य कर खंड-5 उपायुक्त ने कहा है कि प्रमुख सचिव विभागीय बकाया वसूली की गहनता से समीक्षा कर रहे हैं और वसूली के लिए प्रतिदिन कड़े निर्देश देते हुए रोजाना की वसूली की जानकारी ली जा रही है। विभागीय बकाया मामले की मॉनीटरिंग प्रमुख सचिव एवं कमिश्नर राज्य कर मुख्यालय लखनऊ कर रहे हैं। वसूली प्रगति की सूचना भी मांगी जा रही है। प्रशासन से बकाया धनराशि के संबंध में मौजूदा स्थिति और उच्च न्यायालय बॉम्बे में विचाराधीन केस की स्थिति के बारे में जानकारी अवगत कराने का आग्रह किया है।
रबड़ फैक्ट्री की काटी गई हैं 27 आरसी

- राज्य कर विभाग ने 1986-87 से लेकर 2000-01 तक 27 बार किए गए कारोबार के असेसमेंट पर रबर फैक्ट्री प्रबंधन से व्यापार कर की वसूली के लिए 27 आरसी काटी थीं। प्रशासन को भेजी चिट्ठी में एक-एक साल, असेसमेंट की धनराशि व ब्याज का आरसी में जिक्र किया गया है।

 

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