शाहजहांपुर: पड़ताल...मनरेगा से मजदूरों का मोहभंग, अनियमित मजदूरी बनी कारण
शाहजहांपुर, अमृत विचार। केंद्र सरकार की ओर से गांवों से मजदूरों का पलायन रोकने को शुरू की गई मनरेगा योजना पहले तो मजदूरों के लिए वरदान साबित हुई। शुरुआत में इसने खूब मजदूरों के दुख-दर्द मिटाए, लेकिन अब इसकी दुश्वारियां देखने वाला कोई नहीं है।
मनरेगा में काम करने वाले मजदूरों को छह-छह महीनों भुगतान नहीं होता। इस वक्त भी एक महीने से श्रमिकों की मजदूरी नहीं आई है। जून तक का भुगतान छह माह बाद किया गया था। जबकि 15 दिन में मनरेगा मजदूरी खातों में आ जानी चाहिए।
एक आंकड़े के मुताबिक जनपद में मनरेगा का दम निकल रहा है। अक्टूबर 2024 से मैटेरियल का 66 करोड़ रुपये का भुगतान जनपद का अटका हुआ है। जोकि 2022, 2023 व 2024 तक बताया जा रहा है। जिन ग्राम प्रधानों, ठेकेदारों द्वारा कार्य कराया गया था, उनके भी भुगतान अटके होने की बात सामने आ रही है।
उधर मजदूर उधार लेकर घर चला रहे हैं। यही कारण है कि मजूदरों का इस योजना से मोहभंग हो रहा है। इसका अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि जनपद में मनरेगा योजना के अंतर्गत 4 लाख 45 हजार 43 जॉब कार्ड बने हुए हैं, जिसमें क्रियाशील 1 लाख 96 हजार ही है। साथ ही वर्तमान समय में मात्र 15 हजार मजदूर कार्य कर रहे हैं। जोकि पौधारोपण, चकरोड, खंडजा व तालाब खुदाई आदि कार्य कर रहे हैं।
जिले में इयोजना की स्थिति यह है कि डेढ़ से दो लाख मजदूरों ने मनरेगा से मुंह मोड़ लिया है। मनरेगा के आंकड़े बताते हैं कि मजदूरों को आर्थिक मजबूती देने वाली यह योजना अब खुद ही कमजोर हो चुकी है। फिर भी शासन स्तर से ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
252 रुपये मजदूरी वो भी समय से नहीं
मनरेगा में ठीक मजदूरी न मिल पाने से मजदूर लोग शहर जा रहे हैं, उनका कहना है कि शहर न जाएं तो घर कैसे चलाए। बाहर मजदूरी करने पर 400 रुपये तक दिहाड़ी मिल जाती है। जबकि, मनरेगा में 252 रुपये ही मजदूरी मिलते हैं। इसके बाद भी समय पर कभी मजदूरी मिलती नहीं। दो से लेकर तीन-तीन महीने तक भुगतान अटका रहता है।
डीसी मनरेगा यशोवर्धन सिंह ने बताया कि वर्तमान समय में मानव दिवस चल रहा है, बरसात की वजह से कच्चे व पक्के दोनों कार्य प्रभावित रहते हैं। इस वजह से मजदूरों की संख्या में कमी हो जाती है। मनरेगा योजना को लेकर समय-समय पर बैठक व दिशा निर्देश दिए जाते रहे हैं। कहीं-कहीं मनरेगा से चकरोड़, पौधारोपण, तालाब बगैरह खुदाई कार्य चल रहे हैं।
