आतंकियों से लड़ने में महारथी होगा AKTU का रोबोट, छात्रों को राज्यपाल आनंदीबेन ने किया पुरस्कृत
मार्कण्डेय पाण्डेय, लखनऊ, अमृत विचार: एकेटीयू में बना रोबोट न केवल आग की लपटों से घिरे लोगों को बचाएगा बल्कि आतंकियों से मुठभेड़ भी करेगा।आधुनिक तकनीक से लैश ये रोबोट बातचीत करेगा, सुझाव देगा और रास्ते में कहीं रुकावट है तो रास्ता बदल लेगा। इस रोबोट को विश्वविद्यालय से जुडे आईइटी के तीन छात्रों ने तैयार किया है। इसमें छात्रों ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से लेकर सेंसर, मशीन, डाटा, रोबोटिक्स से जुड़ी कई तकनीक का समन्वय किया है। छात्रों की इस उपलब्धि को हैकथॉन में प्रदर्शित किया गया तो हर कोई हैरान रह गया। इसके लिए प्रदेश की राज्यपाल ने छात्रों को सम्मानित भी किया है।
बीटेक के छात्र अंकित कुमार द्विवेदी बताते हैं कि सबसे पहले हमने रेस्त्रा, मॉल, होटल में काम करने वाले रोबोट बनाए हैं जो आपकी टेबल पर जाएगा, आपसे बातचीत करेगा। वह आपको क्या उपलब्ध है, क्या गर्म और ताजा है यह भी बताएगा। बीटेक छात्र अनुराग वर्मा, ओम गुप्ता और शिवांचल मिश्रा बताते हैं कि इसे हम सैनिक के रुप में भी तब्दील कर सकते हैं जो प्रत्येक आपदा, संकट और आतंकी हमलों का मुंहतोड़ जबाव देगा। बस हमे इसमें कुछ जरुरी तब्दीली करनी होगी और इसे हथियार थमा देना होगा।
आपदा, आगजनी में भी करेगा कार्रवाई
छात्रों का यह रोबोट ऐसी थीम पर आधारित है जिसमें मामूली परिवर्तन के बाद इसे आपदा राहत, आगजनी, गोलीबारी आदि अनेक संकटों में काम लिया जा सकता है। यह बिलकुल किसी प्रशिक्षित सैनिक की तरह व्यवहार करेगा। इसका उपयोग खतरनाक उद्योगों में, सुरंगी सड़क निर्माण, ऊंचे भवनों की मरम्मत से लेकर अनेक स्थानों पर किया जा सकता है।
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एसएलएम आधारित फूड सर्विंग रोबोट
छात्रों की इस टीम को रेडलाइनियर ऑटोमेशंस कहा गया जिसने सर्वप्रथम स्वायत्त एसएलएम आधारित फूड सर्विंग रोबोट बनाया है। इसे साइमलटेनियस लोकलाइजेशन एंड मैपिंग तकनीक कहते हैं। यह बुद्धिमान रोबोट मॉल या दुकान में ग्राहक के आते ही खुद ही सक्रिय हो जाता है। ग्राहकों के अनुभव, बातचीत के आधार पर खुद को अपडेट भी करता है।
रोबोट की खास बातें
-एसएलएएम तकनीक का उपयोग स्मार्ट नेविगेशन के लिए किया गया है।
-बातचीत के लिए वॉइस बेस्ड संवाद की सुविधा।
-बिना मानवीय सहायता के खाना परोसने और ऑर्डर लेने में सक्षम।
-हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में ऑटोमेशन लाने का लक्ष्य, जिससे संचालन की दक्षता बढ़े।
महज डेढ़ लाख में तैनात हो जाएगा रोबोट
रोबोट के विकास में छात्रों ने कुल 1.5 लाख रुपए खर्च किया है। इसमें सभी हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर और असेंबली का कार्य रेडलाइनियर ऑटोमेशंस द्वारा इनहाउस किया गया।
हमारा रोबोट बहुउद्देशीय है। इसे आप जैसा चाहेंगे वैसा काम करेगा। इसे चाहे आप दुकान या मॉल में लगा लें या हथियार थमा दें। पहाड़ी और दुर्गम स्थानों में सड़क बनाने, सुरंग खोदने जो भी कहेंगे करेगा।
-अंकित दूबे, अनुराग वर्मा, ओम गुप्ता और शिवांचल मिश्रा, बीटेक छात्र, आईईटी
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