कानपुर: अब म्यूचुअल फंड वितरक बदलना कठिन, 11 अगस्त से लागू होंगे नए दिशा-निर्देश
एएमएफआई ने कूलिंग ऑफ अवधि बढ़ाई, सख्त की ब्रोकरेज नियमावली
कानपुर, अमृत विचार। म्यूचुअल फंड निवेशकों और वितरकों के संबंधों में अनुशासन और पारदर्शिता लाने के लिए नए जारी हुए हैं। एएमएफआई (एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया) ने अपनी बेस्ट प्रैक्टिस गाइडलाइंस में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। इस बदलाव के तहत अब यदि कोई निवेशक अपने निवेश को एक वितरक से दूसरे वितरक में ट्रांसफर करता है, तो नए वितरक को मिलने वाला ब्रोकरेज 12 महीने की प्रतीक्षा अवधि (कूलिंग ऑफ पीरियड) के बाद ही मिलेगा। पहले यह अवधि सिर्फ 6 महीने थी।
आर्थिक सलाहकार राजीव सिंह ने बताया कि पुराने नियमों में बड़े वितरक विशेषकर बैंक और कॉरपोरेट चैनल छोटे वितरकों के ग्राहकों को लुभाकर जल्द ब्रोकरेज पाने की रणनीति अपनाते थे। एएमएफआई को इस संबंध में लगातार शिकायतें मिल रही थीं, जिसके बाद यह बदलाव किया गया।
नए नियम के तहत अब यदि कोई निवेशक अपना वितरक कोड बदलता है यानी (एआरएन कोड) तो नया वितरक 12 महीने बाद ही ट्रेल कमीशन का हकदार होगा। बदले हुए नियम पर निवेशकों को एक डिक्लेरेशन फॉर्म भरना होगा, जिसमें निवेशक और नया वितरक दोनों के हस्ताक्षर अनिवार्य होंगे। इसके अलावा निवेशक की सहमति की स्पष्ट घोषणा होगी। उधर यह भी सुनिश्चित हो सके कि बदलाव स्वैच्छिक है, किसी दबाव में नहीं किया गया है।
क्या बोले आर्थिक सलाहकार
जैसे ही कोड बदलाव का अनुरोध आता है, आरटीए निवेशक को अगले कार्यदिवस (टी+1) पर एसएमएस भेजेगा। यदि निवेशक ने यह रिक्वेस्ट नहीं की है, तो उसे 3 दिनों के भीतर आरटीए को सूचित करना होगा। यदि 11 दिनों के भीतर (टी+11) कोई आपत्ति नहीं आती, तो आरटीए इस बदलाव को वैध मानते हुए निवेशक को ईमेल भेजेगा। पुराने और नए दोनों वितरकों को इसकी सूचना देगा.. राजीव सिंह,आर्थिक सलाहकार।
क्यों जरूरी हुआ बदलाव?
छोटे वितरक का दावा था कि बड़े चैनल, जैसे बैंक या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म, उनके ग्राहकों को आकर्षक ऑफर देकर ब्रोकरेज हड़प रहे हैं। इसके अलावा 6 महीने की अवधि उन्हें ऐसा करने में मददगार थी। उधर इससे पारदर्शिता और निवेशक हित प्रभावित हो रहे थे। ब्रोकरेज ट्रांसफर को लेकर कई कानूनी विवाद और शिकायतें बढ़ी थीं।
नए नियम से असर
1- छोटे वितरकों को राहत
2- निवेशकों के लिए निर्णय लेने में सावधानी बढ़ेगी
3- एआरएन कोड बदलने की प्रक्रिया अब अधिक गंभीर और दस्तावेज आधारित होगी
4- ब्रोकरेज विवादों में कमी आने की संभावना
निवेशकों के लिए फायदेमंद है?
यह कदम निवेशकों को एक वितरक से दूसरे वितरक की ओर छलांग लगाने से पहले ठहरकर सोचने के लिए प्रेरित करेगा। साथ ही, वितरकों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा और पारदर्शिता को भी बढ़ावा देगा।
