लखनऊ : PHD को लेकर लुआक्टा ने जताया विरोध, लविवि पर नियमों की अनदेखी करने का आरोप
लखनऊ, अमृत विचार । लखनऊ विश्वविद्यालय ने सत्र 2025-26 में शोध प्रक्रिया प्रारंभ करने के लिए अपने सभी विभागों से ब्योरा मांगा है। लेकिन इस बारे में महाविद्यालयों को सूचित नहीं किया गया है जिसे लेकर लखनऊ विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों के संगठन लुआक्टा ने विरोध जताया है। विश्वविद्यालय ने समस्त विभागाध्यक्षों से विभाग में रिक्त व विज्ञापित किये जाने के लिए पूर्णकालिक, अंशकालिक सीटों का विवरण विभागीय शोध समिति (डीआरसी) से संस्तुत कराकर 17 अगस्त तक उपलब्ध कराने को कहा है। इसे लेकर कुलसचिव को लुआक्टा ने पत्र लिखकर विरोध जताया है।
लुआक्टा अध्यक्ष डॉ. मनोज पाण्डेय का कहना है कि लंबे संघर्ष के बाद महाविद्यालयो के शिक्षकों को भी शोध कराने का अधिकार प्राप्त हो गया है। महाविद्यालय शिक्षक संघ का पहले यह अनुभव है कि कतिपय विभाग लापरवाही अथवा जानबूझकर अपने विषय के महाविद्यालयों के शिक्षकों को समय पर उपलब्ध नहीं कराते हैं। जिसके कारण बाद में संघ को हस्तक्षेप करना पड़ता है और अनावश्यक विवाद बढ़ता है। संगठन ने विश्वविद्यालय से मांग किया है कि विश्वविद्यालय द्वारा जारी किए गए पत्र में संशोधन किया जाए और महाविद्यालयों के प्राचार्य को भी प्रतिलिपि प्रेषित किया जाए। जिससे अर्ह या इच्छुक शिक्षकों को समय से सूचना प्राप्त हो जाय और शोध निर्देशन के अधिकार से वंचित न रह जाएI
स्थानांतरण को लेकर संघ ने जताया विरोध
लुआक्टा ने स्थानांतरण प्रक्रिया में भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए उच्च शिक्षा विभाग को पत्र लिखा है। संघ का कहना है कि प्रदेश में अनुदानित आशासकीय महाविद्यालयो के शिक्षकों का स्थानान्तरण की प्रक्रिया विगत दो वर्षो से लंबित है। वर्तमान नियमावली से कुछ शिक्षकों का एक-एक कर स्थानान्तरण किया गया है। नियमानुसार अब तक सभी शिक्षकों का स्थानान्तरण कर दिया जाना चाहिए था। संघ का कहना है कि मुख्यमंत्री के निर्देश का उच्च शिक्षा विभाग पर कोई असर नहीं पड़ रहा है। 15 से 25 जून के अंदर स्थानांतरण प्रक्रिया पूरी की जानी थी लेकिन यह अब तक नहीं हुआ है। स्थानान्तरण न होने के कारण शिक्षक अपने को ठगा और आंदोलित महसूस कर रहा है। जबकि सभी विश्वविद्यालयो में सत्र शुरू हो गया है और शिक्षक अभी तक स्थानान्तरण की बाट जोह रहा है।
दी आंदोलन की चेतावनी
अबतक कुल 180 शिक्षकों के स्थानान्तरण में से फरवरी माह में 4, मार्च में 2 और मई माह में कुल 22 जबकि जुलाई माह में 1 आदेश निर्गत किया गया है। शीतकालीन सत्र में स्थानान्तरण का मामला विधान परिषद में ध्रुव त्रिपाठी व देवेंद्र सिंह द्वारा उठाया गया था। लुआक्टा ने उच्च शिक्षा विभाग को चेताया है कि शीघ्र स्थानांतरण की प्रक्रिया पूरी नहीं की गई तो हम आंदोलन को बाध्य होंगे।
लुआक्टा अध्यक्ष डॉ. मनोज पांडेय ने प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा से बातचीत हुई है और उनको शिक्षकों की मनोदशा से अवगत कराया गया है। उन्होंने इस मामले पर विचार करने का आश्वासन दिया है। संगठन द्वारा स्पष्ट रूप से प्रमुख सचिव को अवगत कराया गया कि यदि शिक्षकों का स्थानान्तरण अविलम्ब नही होता है, तो संगठन आंदोलन बाध्य होगा।
