सड़क पर मौत : सांड़ ने बाइक सवार को पटककर मार डाला
गंगाबैराज-बिठूर रोड पर हुआ हादसा, पांच माह पहले हुई थी युवक की शादी
कानपुर, अमृत विचार : बिठूर में मंगलवार देर रात दिल दहला देने वाली घटना में एक 25 वर्षीय युवक की जान चली गई। बाइक से घर लौट रहे युवक को गंगाबैराज-बिठूर रोड पर अचानक एक सांड़ ने टक्कर मार दी और उसे सड़क पर काफी दूर तक घसीटा। इस हमले में युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
द्वारिकागंज, गोला गोकरन निवासी अंकित कार चालक था। उसके पिता बिहारीलाल का वर्षों पहले निधन हो चुका है। चार भाइयों में सबसे छोटा अंकित हाल ही में शादी के बाद नई जिंदगी शुरू कर रहा था। पांच महीने पहले ही उसकी शादी लखीमपुर निवासी अर्चना से हुई थी।
हमले के बाद सांड भागा, लोग दौड़े बचाने : घटना होटल इटरनिटी और पारस हॉस्पिटल के बीच हुई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सांड़ अचानक सड़क किनारे से दौड़कर आया और बाइक पर सवार अंकित को सींगों से उछाल दिया। सिर पर गंभीर चोटें आईं और उसका हेलमेट दूर जा गिरा। सांड़ ने घायल अंकित को कुछ दूरी तक घसीटा भी। स्थानीय लोगों ने दौड़कर सांड़ को भगाया और तुरंत परिजनों को सूचना दी।
अस्पताल पहुंचते ही तोड़ दिया दम : लोगों की मदद से घायल अंकित को पास के पारस हॉस्पिटल ले जाया गया, लेकिन वहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। बेटे की मौत की खबर मिलते ही वृद्ध मां चमेली देवी और पत्नी अर्चना बेसुध हो गईं। घर में कोहराम मच गया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। बिठूर थाना प्रभारी प्रेमनारायण विश्वकर्मा ने बताया कि युवक की मौत सांड़ के हमले से हुई है, जांच की जा रही है।
सड़कों पर मौत बनकर घूम रहे छुट्टा मवेशी : क्षेत्रीय लोगों और अंकित के भाइयों ने नगर निगम व प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि बिठूर क्षेत्र की सड़कों पर छुट्टा मवेशियों का झुंड आम बात है। दिन-रात सड़कों पर जानवर बैठे रहते हैं, जिससे दोपहिया वाहन चालकों को सबसे ज्यादा दिक्कत होती है। लोगों का कहना है कि गोशालाएं होते हुए भी मवेशियों को नहीं पकड़ा जा रहा है। अधिकारियों से बार-बार शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं हो रही। भाई अजय का कहना है कि “अब क्या किसी की मौत के बाद अधिकारी जागेंगे? सड़कों पर जानवर मौत का सामान बन चुके हैं।”
प्रमुख सवाल
- सड़कों पर घूमते मवेशियों की जिम्मेदारी कौन लेगा?
- गोशालाएं होने के बाद भी जानवर क्यों नहीं भेजे जा रहे?
- क्या कोई और अंकित फिर बलि का बकरा बनेगा?
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