कानपुर : पनकी औद्योगिक क्षेत्र को मिलेगी राहत, 86 करोड़ से खत्म होगी जलभराव की समस्या

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Published By Vinay Shukla
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जल निगम करेगा निर्माण, यूपीसीडा देगा बजट – अब मॉडल औद्योगिक क्षेत्र की तर्ज पर होगा विकास

कानपुर, अमृत विचार : बरसात के दिनों में पनकी औद्योगिक क्षेत्र में जलभराव अब इतिहास बनने जा रहा है। वर्षों से नालियों की जर्जर स्थिति और निकासी व्यवस्था ठप रहने से परेशान उद्यमियों को अब बड़ी राहत मिलने वाली है। उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) की पहल पर यहां ₹86 करोड़ की लागत से आधुनिक नाले बनेंगे। निर्माण कार्य जल निगम करेगा जबकि बजट यूपीसीडा उपलब्ध कराएगा।

कानपुर कूड़ा

बारिश में डूबती हैं फैक्ट्रियां, खराब होते उत्पाद

पनकी औद्योगिक क्षेत्र में जलनिकासी की दशा इतनी खराब हो चुकी थी कि मामूली बारिश में ही फैक्ट्रियों के भीतर पानी भर जाता था। इससे न सिर्फ मशीनरी को नुकसान होता था बल्कि तैयार उत्पाद भी खराब हो जाते थे। इसके चलते उद्योगपतियों को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ता था। उद्यमी राजीव अग्रवाल का कहना है कि "यह फैसला पनकी के लिए मील का पत्थर साबित होगा। लंबे समय से हम इस समस्या से जूझ रहे थे। उम्मीद है, अब हमें सुचारु ढांचा मिलेगा।"

नगर निगम से छिन गई जिम्मेदारी

औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना के बाद इसकी जिम्मेदारी नगर निगम को सौंप दी गई थी। नगर निगम को टैक्स के बदले विकास कार्यों पर खर्च करना था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हर उद्योग बंधु बैठक में इसकी शिकायत होती थी। अब इस व्यवस्था को समाप्त करते हुए पनकी, रूमा और चकेरी औद्योगिक क्षेत्रों को फिर से यूपीसीडा के नियंत्रण में ले लिया गया है।

कानपुर पानी

अब मॉडल क्षेत्र जैसा विकास होगा

प्राधिकरण ने पनकी औद्योगिक क्षेत्र के कायाकल्प की विस्तृत योजना तैयार की है। जलनिकासी के बाद सड़कों का निर्माण फुल डेप्थ रीक्लेमेशन (एफडीआर) तकनीक से होगा। इसके अलावा क्षेत्र में स्ट्रीट लाइट, सीसीटीवी, पब्लिक एड्रेस सिस्टम, फायर स्टेशन, जलापूर्ति, टेलीफोन स्टेशन, टर्मिनल, बस शेल्टर, ट्रक पार्किंग जैसे आधुनिक सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी।

गंदगी, क्षेत्र

कूड़ा उठान की तैयारी, दोबारा निकला टेंडर

फिलहाल कूड़ा उठाने की जिम्मेदारी भी यूपीसीडा ने अपने हाथ में ले ली है। पहले कठोर शर्तों के कारण टेंडर में कोई भाग नहीं ले रहा था। अब शर्तें आसान कर दोबारा टेंडर निकाला गया है। जब तक प्रक्रिया पूरी नहीं होती, तब तक प्राधिकरण स्वयं सफाई कार्य करा रहा है।

अब क्या बदलेगा?
  • नालों का निर्माण होगा, जलभराव की समस्या खत्म होगी
  • FDR तकनीक से सड़कें बनेंगी, आवागमन होगा आसान
  • कूड़ा प्रबंधन में सुधार होगा, सफाई दिखेगी जमीनी स्तर पर
  • सुरक्षा और सुविधाओं से युक्त होगा औद्योगिक क्षेत्र

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