प्रतापगढ़: बेटे को छह साल बाद पाकर निहाल हुई मां, परिजनों की आंखों में खुशी के आंसू

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Published By Deepak Mishra
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कुंडा/प्रतापगढ़, अमृत विचार। लापता बेटे को छह साल बाद पाकर मां निहाल हो गई। मां,पत्नी समेत परिजनों की आंखों में खुशी के आंसू आ गए। पुलिस ने युवक को परिजनों से मिलाया तो पत्नी और बच्चे भी फूले नहीं समाए।बिहार प्रदेश के बक्सर जिले के मुरार थाना क्षेत्र के पीपरपुर गांव निवासी 32 वर्षीय राजेश कुमार यादव स्व. हीरालाल यादव छह साल पूर्व घर से बाजार के लिए निकले और लापता हो गए।

परिजनों ने पुलिस में गुमशुदगी दर्ज कराई, रिश्तेदारों और परिचितों से संपर्क किया, लेकिन सफलता नहीं मिली। समय बीतने के साथ परिवार ने उम्मीद तो नहीं छोड़ी, लेकिन हालात से समझौता कर लिया था। उधर राजेश किसी तरह मानिकपुर स्थित यादव ढ़ाबा पहुंचा और वहीं पर काम करने लगा। इसकी जानकारी जब कुंडा के अघिया प्रधान पुत्र रिजवान को हुई तो उन्होंने मनगढ़ चौकी के एसआई राकेश भदौरिया को अवगत कराया।

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राकेश ने बिहार पुलिस की मदद से परिजनों से संपर्क कर वीडियो कॉल पर बात की। बात कर परिजन उससे पहचानते ही भावुक हो गए। इसके बाद उससे मिलने के लिए कुंडा पहुंचे। यहां पर पुलिस कर्मियों ने राजेश को परिजनों को सुपुर्द कर दिया।

पन्ना झरी देवी यादव ने जैसे ही बेटे को देखा, वह दौड़कर गले लग गईं और फूट-फूटकर रोने लगीं। उसी पल पत्नी शोभा भी आंसुओं के साथ उसे गले लगा बैठी, जबकि नौ वर्षीय बेटा शुभम व सात वर्षीय बेटा पीयूष पिता से लिपटकर गदगद हो गए। मां ने कहा मेरे भगवान ने मेरी पुकार सुन ली, अब मुझे और कुछ नहीं चाहिए। पत्नी ने भी भावुक होकर कहा मुझे तो लगा था कि शायद यह दिन कभी नहीं आएगा पर आज सपने सच हो गए। 

रक्षाबंधन पर पति को खोया, मिला बेटा

पन्ना झरी देवी यादव अपने पति को यादगार रोने लगीं। कहा कि बीते वर्ष रक्षाबंधन के दिन मेरे पति हीरालाल यादव का निधन हो गया। वह बेटे के लापता होने के बाद दुःखी रहते थे। भगवान ने बिछड़े बेटे को रक्षाबंधन को ही मिलाया। आज इसके पापा होते तो खुशी का ठिकाना न रहता। उन्हीं का आशीर्वाद है कि आज बेटा परिवार में वापस आ गया।

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