बचपन में शर्मीला था, सोचा नहीं था अंतरिक्ष जाऊंगा: शुभांशु शुक्ला

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Published By Deepak Mishra
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नई दिल्ली। अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने रविवार को कहा कि वह बचपन में "शर्मीले और संकोची" थे और युवावस्था में उन्होंने कभी अंतरिक्ष में जाने का सपना नहीं देखा था। भारतीय वायुसेना के एक कार्यक्रम में शुक्ला ने कहा कि उन्होंने राकेश शर्मा की ऐतिहासिक अंतरिक्ष उड़ान की कहानियां सुनी, लेकिन युवावस्था तक उन्होंने यह नहीं सोचा था कि वह अंतरिक्ष यात्रा पर जाएंगे।

उन्होंने कहा कि वह बचपन में शर्मीले और संकोची थे। शुक्ला ने कहा, “बचपन में हम राकेश शर्मा की अंतरिक्ष यात्रा की कहानियां सुना करते थे।” अंतरिक्ष यात्री ने हाल में संपन्न एक्सिओम 4 मिशन का हिस्सा बनने के अपने अनुभव को भी साझा किया। 

इस मिशन के जरिए वह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) की यात्रा करने वाले पहले भारतीय बने। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्ला सहित गगनयान मिशन के चार अंतरिक्ष यात्रियों को सम्मानित किया और कहा कि गगनयान मिशन आत्मनिर्भर भारत की यात्रा में एक "नए अध्याय" का प्रतीक है।  

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