Bareilly : बधियाकरण में फूंक डाले 1.40 करोड़, फिर भी आवारा कुत्तों की बढ़ रही आबादी
राकेश शर्मा, बरेली। शहर में आवारा कुत्तों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। इस बीच मुख्यमंत्री कार्यालय से हुई पूछताछ के बाद नगर निगम के अधिकारियों ने दावा किया है कि वर्ष 2018 से अब तक 15296 कुत्तों का बधियाकरण कराया जा चुका है और इस पर 1.40 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि खर्च की गई है।
अपर नगर आयुक्त शशि भूषण ने जिलाधिकारी अविनाश सिंह को भेजी रिपोर्ट में बताया है कि उप नगर स्वास्थ्य अधिकारी नगर निगम से यह आख्या मिली है। इसके अनुसार पशु चिकित्सा एवं कल्याण विभाग ने बताया है कि नगर निगम ने नगरीय क्षेत्र से डॉग कैचिंग टीम भेजकर कुत्तों को पकड़कर बधियाकरण व टीकाकरण कर चार से पांच दिन बाद पकड़े हुए स्थान पर छोड़ दिया जाता है। एबीसी सेंटर में बधियाकरण किया जाता है। वर्तमान में आवारा कुत्तों को पकड़कर उनके बधियाकरण की जिम्मेदारी पीलीभीत की फर्म सोसाइटी ह्यूमन एंड एनिमल वेलफेयर को 917 रुपये प्रति कुत्ता की दर से दी गई है।
रिपोर्ट में बताया है कि नगरीय क्षेत्र में पकड़े गए कुत्तों का सत्यापन टीम के सदस्य करते हैं। सोसाइटी फॉर ह्यूमन एंड एनिमल वेलफेयर ने माह अप्रैल 2025 से 31 जुलाई तक 1357 कुत्तों का बधियाकरण किया है। नगर निगम का एबीसी सेंटर वर्ष 2018 काम कर रहा है। इसके अंतर्गत वर्ष 2018 से 31 जुलाई 2025 तक 15296 कुत्तों का बधियाकरण व टीकाकरण कार्य सोसाइटी कर चुकी है। रिपोर्ट में निरंतर हिंसक व आवारा कुत्तों को पकड़ने का दावा
अपर नगर आयुक्त ने रिपोर्ट में दावा किया है कि नगर निगम निरंतर एनिमल बर्थ कंट्रोल प्रोग्राम के अंतर्गत नगरीय क्षेत्र से कुत्तों का बधियाकरण करा रहा है। आवारा और हिंसक कुत्तों को पकड़कर श्वान बधियाकरण केंद्र में लाया जा रहा है। बधियाकरण करने के बाद उपचार व स्वास्थ्य परीक्षण कर कुत्तों को उन्हीं स्थानों पर छोड़ा जाता है, जहां से पकड़कर लाए गए थे।
क्या है पशु जन्म नियंत्रण नियम
मानव और कुत्तों के बीच संघर्ष के बढ़ते मामलों के दृष्टिगत 2023 में केंद्र सरकार पशु जन्म नियंत्रण (एबीसी) नियम लेकर आई थी। इसमें आवारा कुत्तों की आबादी के प्रबंधन के लिए दिशा-निर्देश दिए गए। इसका उद्देश्य बधियाकरण और टीकाकरण के माध्यम से आवारा कुत्तों की संख्या को नियंत्रित करने, रेबीज के प्रसार को रोकने और मानव-कुत्तों के संघर्ष को कम करके पशु कल्याण को बढ़ावा देना है।
