उफान पर सरयू, लाल निशान से 25 सेमी ऊपर : आधा दर्जन गांव जलमग्न, पलायन शुरू
तटबंध पर गुजर रही प्रभावितों की रातें
बाराबंकी, अमृत विचार : लाल निशान से नीचे जा चुकी सरयू नदी में फिर उफान आया है। पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश व दो बैराजों से करीब साढे़ तीन लाख क्यूसेेक पानी छोड़े जाने के बाद जलस्तर खतरे के निशान से 25 सेमी ऊपर पहुंच गया है। सूरतगंज, रामनगर क्षेत्र में पानी फिर गांवों को जलमग्न करने को बेताब है, वही ग्रामीणों का पलायन फिर शुरु है। प्रति घंटे बढ़ रही नदी के जलस्तर में और तेजी आने की आशंका है।
सरयू नदी में लगातार बढ़ रहा जलस्तर अब खतरे के निशान से ऊपर पहुंच चुका है। एल्गिन ब्रिज संजय सेतु पर रविवार शाम पांच बजे तक नदी का जलस्तर 106.320 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान 106.070 मीटर से करीब 25 सेंटीमीटर ऊपर है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार जलस्तर हर घंटे लगभग एक सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रहा है। कई दिनों से जलस्तर मद्धिम था वहीं रविवार को शारदा व गिरिजा बैराजों से करीब 3 लाख 21 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिससे जलस्तर तेजी से ऊपर बढ़ने लगा। केंद्रीय जल आयोग और प्रशासनिक टीमें स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।
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अचानक जलस्तर बढ़ने से सूरतगंज तहसील के हेतमापुर क्षेत्र के बबुरी, बाबापुरवा, लालपुरवा, बलाईपुर, सुंदरनगर और सरसंडा सहित आधा दर्जन गांव पूरी तरह से बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। खेतों और नालों के रास्ते पानी घरों तक पहुंचने लगा है। दो दर्जन परिवारों ने अपने घर छोड़कर हेतमापुर तटबंध पर शरण ले ली है। अनुमान है कि जलस्तर की मौजूदा बढ़त से देर रात तक अधिकांश घर बाढ़ के पानी की चपेट में आ जाएंगे। ग्रामीणों ने नावों के जरिए आवाजाही शुरू कर दी है। तहसीलदार विपुल सिंह ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में राजस्व की टीमें तैनात कर दी गई हैं और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए जागरूक किया जा रहा है। प्रशासन ने अलर्ट जारी कर स्थिति पर लगातार नजर रखने के निर्देश दिए हैं।
बारिश ने दिलाई उमस से राहत : कई दिनों से परेशान कर रही उमस ने लोगों के होश उड़ा रखे थे। रुक रुक कर हुई बारिश के बाद निकली धूप ने ऐसा माहौल बनाया कि आमजन बिलबिला उठे। बेतहाशा गर्मी और छलछलाते पसीने से बेहाल लोगों की नजर आसमान की ओर लगी हुई थी। वहीं आसमान पर आते जाते बादलों ने छिटपुट बारिश की जिससे उमस और बढ़ती चली गई। आद्रता में वृद्धि के चलते राहत कहीं से मिलती नहीं दिखी। आमजन ही नहीं बल्कि किसानों को भी बारिश से काफी आस रही। रविवार को धूप बादलों की लुका छिपी के बाद करीब तीन बजे ठीकठाक बारिश हुई तो उमस से फौरी तौर पर पीछा छूटा। रविवार होने की वजह से लोगबाग घर में ही रहे और बदले मौसम का पूरा मजा लिया।
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