बाराबंकी : रामस्वरूप यूनिवर्सिटी पर गरजा बुलडोजर, जमींदोज हुआ एनिमल हाउस

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Published By Deepak Mishra
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बाराबंकी, अमृत विचार। डेढ़ दशक से भी अधिक समय से प्रशासन को पाक साफ नजर आती रही श्रीरामस्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी की कब्जाई जमीन पर शनिवार को बुलडोजर गरजा। तहसील के अफसर व पुलिस बल मौके पर पहुंचा और जमीन का नाप जोख कराई तो एक गाटा पर बने एनिमल हाउस को जमींदोज कर दिया गया। 32 गाटा संख्याओं पर सर्वे जारी है और कब्जा सामने आने अनुसार उसे ढहा दिया जाएगा। सरकारी जमीन से कब्जा हटता देखने के लिए स्थानीय वासी भी मौजूद रहे। 

एक सितंबर को गदिया गांव स्थित एसआरएमयू के बाहर लाठीचार्ज के बाद यूनिवर्सिटी की घेराबंदी जारी है। एक के बाद एक कार्रवाई से प्रबंधन सकते में आ गया है। सबसे ज्यादा फजीहत कब्जा की गई जमीन को लेकर हो रही। जो तहसील प्रशासन वर्ष 2013 से लगातार अवैध कब्जे को लेकर चुप्पी साधे था और लेखपाल से लेकर एसडीएम तक कार्रवाई के नाम पर एक कदम आगे नहीं बढ़े। उसी तहसील प्रशासन के अफसर शनिवार को यूनिवर्सिटी के बाहर जमीन पर नाप जोख कराते दिखे। 

बता दें कि देवा-चिनहट रोड पर स्थित विश्वविद्यालय की करीब छह बीघा ऊसर-बंजर दर्ज सरकारी ज़मीन पर डेढ़ दशक से भी अधिक समय से कब्जा था। तहसीलदार नवाबगंज की अदालत ने 25 अगस्त को सुनवाई में यूनिवर्सिटी प्रबंधन पर 27 लाख 96 हजार रुपये का जुर्माना ठोंका और हुए 30 दिन में ज़मीन खाली करने का आदेश दिया। आदेश की डेडलाइन पूरी होने पर प्रशासन ने शनिवार को कार्रवाई शुरु की।

एडीएम न्यायिक राजकुमार सिंह यादव और एएसपी उत्तरी विकास चंद्र त्रिपाठी की मौजूदगी में तीन बुलडोज़रों ने एक गाटा संख्या पर बने एनिमल हाउस का निर्माण गिराना शुरू किया। इससे पहले सुबह 11 बजे से ही राजस्व व पुलिस अमला मौके पर मौजूद रहा और ज़मीन की नाप-जोख कराई गई। बताया गया कि अभी 32 गाटा संख्याओं का सर्वे किया जा रहा है, उसके अनुसार कब्जा सामने आते ही उन्हे ढहा दिया जाएगा। इस कार्रवाई के दौरान यूनिवर्सिटी में सन्नाटा पसरा दिखा।

अपर जिलाधिकारी न्यायिक राजकुमार सिंह यादव ने बताया कि फिलहाल एक गाटा संख्या पर हुआ निर्माण ढहा दिया गया है। आगे जैसे जैसे अवैध कब्जा सामने आएगा, उसे गिराया जाएगा।

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