बरेली के अहिच्छत्र के विकास को जारी हुए 2 करोड़... महाभारत काल से जुड़ा हैं यहां के तार
लखनऊ, अमृत विचार: पर्यटन विभाग ने महाभारत सर्किट अंतर्गत बरेली स्थित अहिच्छत्र के पर्यटन विकास की योजना को मंजूरी दी है। इसके लिए दो करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत हुई है।
यह जानकारी पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने शनिवार को दी। उन्होंने बताया कि महाभारत कालीन और जैन धर्मावलंबियों के पवित्र स्थल अहिच्छत्र का विशेष धार्मिक महत्व है। द्वापर युग के बाद अहिच्छत्र पर गुप्त, पाल एवं सेन राजाओं का भी शासन रहा। हर बदलते दौर में अहिच्छत्र का वैभव कायम रहा। पर्यटन विकास में प्रवेश द्वार, सौंदर्यीकरण, प्रकाश व्यवस्था, शौचालय, सूचना केंद्र, पेयजल व्यवस्था, विश्राम स्थल का निर्माण आदि सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि अहिच्छत्र को महाभारत में वर्णित उत्तरी पांचाल प्रदेश की राजधानी कहा जाता था। बरेली मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर आंवला तहसील के रामनगर में महाभारत कालीन अहिच्छत्र का किला है। जैन धर्मावलंबियों के लिए अहिच्छत्र महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है, जहां 23वें जैन तीर्थंकर पार्श्वनाथ ने कैवल्य ज्ञान की प्राप्ति की थी। अनुश्रुतियों के अनुसार पार्श्वनाथ यहां विहार के दौरान आए थे। कहा जाता है अहिच्छत्र में महात्मा बुद्ध आए थे। यहां उन्होंने नाग राजाओं को धर्म की दीक्षा दी थी।
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