AKTU दीक्षांत समारोह: मेधावियों पर हुई पदकों की बरसात, अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला भी हुए शामिल

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Published By Deepak Mishra
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लखनऊ, अमृत विचार। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय का 23वां दीक्षांत समारोह मंगलवार को सम्पन्न हो गया। समारोह में मेधावियों पर स्वर्ण, रजत और कांस्य पदकों की बारिश हुई। विश्वविद्यालय से सम्बद्ध संस्थान प्रणवीर सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी कानपुर की बीटेक कम्प्यूटर साइंस एंड इंजीरियनिंग की छात्रा नैंसी ने सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया जिसे कुलाधिपति स्वर्ण पदक दिया गया।

नैंसी को बैंक ऑफ बडौदा की ओर से 31 हजार का नकद पुरस्कार भी दिया गया। जबकि कमल रानी वरूण स्मृति स्वर्ण पदक बीटेक के सभी ब्रांच में अनुसूचित जाति की सभी उत्तीर्ण छात्राओं में सर्वोच्च स्थान पाने वाली आरडी इंजीरियरिंग कॉलेज, गाजियाबाद की छात्रा उन्नति गौर को दिया गया। समारोह में कुल 88 पदक दिए गए जिसमें 37 स्वर्ण, 26 रजत व 25 कांस्य पदक विभिन्न श्रेणियों में दिए गए।

इसके अलावा बेहतरीन स्टार्टअप शुरु करने वाले विश्वविद्यालय के छह स्टार्टअप को भी पदकों से सम्मानित किया गया। कुल 53,943 छात्रों को विभिन्न पाठ्यक्रमों में ब्लाकचेन तकनीक से डिग्री प्रदान की गयी। इसके अलावा 86 छात्रों को पीएचडी अवार्ड हुई। समारोह में गगनयात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को डॉक्टर ऑफ साइंस की मानद की उपाधि प्रदान की गयी।

घर जाना और मां के गले में मेडल डाल देना

राज्यपाल सहकुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने कहा कि यह दीक्षांत किसी भी छात्र-छात्रा के जीवन में विशिष्ट अवसर है। छात्र मानव संसाधन के रूप में राष्ट्र की प्रगति में सकारात्मक योगदान करें यह भी विश्वविद्यालय की अपेक्षा रहती है। उन्होंने छात्रों को शपथ दिलाई की सदैव माता-पिता का ध्यान रखेंगे। राज्यपाल ने छात्र-छात्राओं से कहा कि घर जाना और यह मेडल अपनी मां के गले में डाल देना। आप जो कुछ भी हैं उसमें माता-पिता की तपस्या शामिल होती है।

यह समारोह आपका लाचिंग पैड है

मुख्य अतिथि अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने मेधावियों से कहा कि यह समारोह आपकी यात्रा का लांचपैड है। आगे आपको अपना और देश का भविष्य बनाना है। बनाने में विश्वास करिये और कुछ नया प्रभावी निर्मित करिये। जिससे कि देश के विकास को पंख लग सके।

आज डिग्री लेने के बाद आप पर किसी पाठ्यक्रम को तैयार करने का दबाव नहीं रहेगा। कोई प्रोफेसर आपसे कुछ नहीं पूछेगा। कोई टाइम टेबल का ध्यान नहीं रखना होगा। अब आप जीवन में स्वतंत्र हैं। स्वतंत्रता रोमांचकारी है। लेकिन यह जिम्मेदारी भी है। आपका जीवन तभी सार्थक है जबकि आपकी डिग्री, शिक्षा और काबिलियत दूसरे लोगों के जीवन स्तर को उंचा उठाने में मदद कर सके।

अंतरिक्ष की यात्रा के अनुभव को किया साझा

भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री बनने का गौरव पाने वाले शुभांशु शुक्ला ने अपने यात्रा के अनुभव को साझा किया। कहा कि पृथ्वी से दूर अंतरिक्ष में 20 दिनों तक आर्बिट में रहा। इस दौरान मानसिक और शारीरिक रूप से सबकुछ बदल गया। कई बार मैं हतोत्साहित हुआ। कई बार लगा कि सब खत्म हो जाएगा। मोहभंग भी हुआ। डर भी लगा। लेकिन एक चीज जिसने मुझे आगे बढ़ाया वह था मेरा मुझपर विश्वास। उन्होंने बच्चों से खुद पर विश्वास रखने की सलाह दी। अपने मिशन के लांच में हो रही देरी का भी जिक्र किया।

कहा कि मिशन लांच के टलने पर कई बार मन में निराशा भी आयी। लेकिन इंतजार का अर्थ समय का नुकसान नहीं बल्कि और बेहतर तैयारी का समय होता है। इस इंतजार ने हमें तैयार किया। कहा कि यात्रा के दौरान मुझे दुनिया के कुछ बेहतरीन एवं काबिल लोगों के साथ काम करने का अनुभव मिला। अंतरिक्ष में कई शोध किये। जो आने वाले मिशन में काफी काम आएगा।

छात्रों को दिये सफलता के मंत्र

शुभांशु ने छात्रों को छह मंत्र भी दिये। कहा जब भी जीवन आपके अनुसार न हो तो धैर्य रखिये। शोर में अपने लक्ष्य को ध्यान में रखिये। जब भी आपकी योजना कार्य न कर रही हो तो दूसरी चीजों को अपनाने के लिए तैयार रहना चाहिए। हमेशा सहयोग से कार्य करिये। हमेशा साहस रखिये। अपनी यात्रा का मजा लीजिए।

प्राविधिक मंत्री ने दी बधाई

विशिष्ट अतिथि प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल ने दीक्षांत समारोह में पदक पाने वाले छात्रों को बधाई दी। कहा कि इस सफलता के जरिये देश के विकास में योगदान देना लक्ष्य होना चाहिए। आप ही देश की तकदीर हैं। देश की तरक्की का जिम्मा युवाओं पर ही है। इस दौरान कुलपति प्रो. जेपी पांडेय ने विश्वविद्यालय की प्रगति आख्या प्रस्तुत की। इसके पहले शैक्षणिक शोभायात्रा निकाली गयी। धन्यवाद कार्यवाहक कुलसचिव केशव सिंह ने दिया। प्रतिकुलपति प्रो. राजीव कुमार, परीक्षा नियंत्रक प्रो. दीपक नगरिया सहित डीन्स, डायरेक्टर और शिक्षक, कर्मचारी व छात्र मौजूद रहे।

गांवों के बच्चों की प्रतिभा का हुआ सम्मान

राज्यपाल ने गांव के बच्चों को भी सम्मानित किया। विश्वविद्यालय के गोद लिये अलग-अलग विकासखंडों के गांवों के स्कूलों में चित्रकला, कहानी कथन एवं भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। इन प्रतियोगिताओं में प्रथम स्थान पाने वाले बच्चों को कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने पुरस्कृत किया।

तीन शिक्षकों को मिला सम्मान

समारोह में विश्वविद्यालय तीन शिक्षकों को एकेडमिक एक्सीलेंस अवार्ड राज्यपाल एवं कुलाधिपति के हाथों मिला। इसमें इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलाजी लखनऊ के प्रो. अरूण तिवारी, सेंटर फार एडवांस स्टडीज के डा. अनुज कुमार शर्मा एवं राजकीय इंजीनियरिंग कालेज सोनभद्र के डॉ. हरीश चंद्र उपाध्याय को अवार्ड मिला। इसके अलावा दो शिक्षकों की किताबों का भी विमोचन किया गया।

स्मार्ट क्लास का किया उद्घाटन

कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने समारोह के दौरान पहाड़पुर गांव के प्राथमिक विद्यालय स्मार्ट क्लास का उद्घाटन किया। यह स्मार्ट क्लास विश्वविद्यालय की ओर से विकसित किया गया है। इस दौरान राज्यपाल ने सीतापुर के पांच आंगनबाड़ी केंद्रों को किट एवं हेल्थ किट दिया।

कार्यक्रम की झलकियां
  •  गगनयात्री शुभंशु शुक्ला के माता-पिता भी कार्यक्रम में रहे मौजूद।
  •  शुंभाशु को मिला 7 मिनट तो कहे मुझे और बोलना है।
  •  नोएडा से देरी से आई एक गोल्ड मेडलिस्ट स्वाती गुप्ता नहीं ले पाई अवार्ड।
  •  कार्यक्रम स्थल भर गया तो छोटे हॉल में स्क्रीन पर हुआ प्रसारण।
  •  आईपीएस नवनीत सिकेरा को भी मिली पीएचडी उपाधि।
  •  कुछ छात्रों ने शुभांशु के पैर छुए तो किसी ने मिलाया हाथ।

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