लखीमपुर खीरी : फर्जी नियुक्ति पत्र दिखाकर ठगी, तीन लाख से ज्यादा की रकम हड़पी
लखीमपुर खीरी, अमृत विचार। थाना भीरा क्षेत्र के एक युवक ने लखीमपुर शहर के मोहल्ला हाथीपुर उत्तरी निवासी पिता-पुत्र पर सरकारी नौकरी दिलाने और अस्पताल में नियुक्ति कराने का झांसा देकर तीन लाख रुपये से अधिक की ठगी करने का आरोप लगाया है। आरोप है कि फर्जी नियुक्ति पत्र भी आरोपियों ने दिए। सदर कोतवाली पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर दोनों आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है।
थाना भीरा के गांव जनकपुर निवासी वीरेंद्र कुमार ने बताया कि लखीमपुर शहर के मोहल्ला हाथीपुर उत्तरी निवासी कमल उसका परिचित है। 31 मई 2025 की सुबह आठ बजे कमल ने उससे कहा कि मेरे पिता वीजेंद्र जिला चिकित्सालय मोतीपुर ओयल में अधिकारी है। जहां संविदा पर सुपरवाइजर पद की जगह रिक्त है। जिसके लिए सिक्योरिटी का एक लाख रुपया जमा होगा। जमा करने के बाद सुपरवाइजर की नौकरी मिल जायेगी। कमल के कहने पर उसने और उसके परिचति संतोष कुमार पुत्र सोने लाल 2. रीता देवी पुत्री प्यारे लाल निवासी सल्लिया थाना भीरा, अमित कुमार पुत्र रामचन्द्र निवासी महेशपुर थाना गोला, रुबी देवी पुत्री राम औतार निवासी रैनागंज थाना भीरा, 5. सूरज कुमार पुत्र भगौती प्रसाद निवासी खैरीपुरवा थाना-फूलबेहड से जिला चिकित्सालय मोतीपुर ओयल में सुपरवाइजर पद पर नियुक्ति हेतु सिक्योरिटी के नाम पर आरोपी कमल और उसके पिता के द्वारा बताये गये खाता धारक अनुभव सक्सेना, आकाश सक्सेना, शालिनी, सुरेन्द्र, जीशान के बैंक खातों में अलग-अलग तारीखों मेंं 1,92,000 लाख रुपये ले लिए।
11 जून को सुबह 09 बजे दोनों आरोपियों ने अपने घर पर उससे 58,000 रुपये, संतोष कुमार, अमित कुमार, रीता देवी, सूरज कुमार से 50 हजार, रूबी से 70,000 रुपये नकद ले लिए। सभी को आरोपी कमल और उसके पिता ने अपने हाथो से फर्जी नियुक्ति पत्र दिए। कहा कि आज ही दिन में दो बजे के बाद जिला चिकित्सालय ओयल में सभी लोग हमें मिलो। वहां तुम लोगों की ज्वाइनिंग करायेंगे। सभी लोग नियुक्ति पत्र लेकर जिला चिकित्सालय पहुंचे जहां पर आरोपी कमल मिला।
उसने अस्पताल के अंदर ले जाकार काफी देर तक सभी को बैठाए रखा। फिर बताया कि जो डाक्टर साहब ज्वाइनिंग कराते है उनके पिता की मृत्यु हो गई है। आज ज्वाइनिंग नही हो पायेगी। जिस पर शंका हुई। पता लगाने व खोजबीन करने पर मालूम हुआ कि हम सभी लोगों के नियुक्ति पत्र फर्जी हैं। फर्जी शासन की मोहर और सीएमओव जिला चिकित्सालय की की लगी मोहर व हस्ताक्षर फर्जी हैं।
शिकायतकर्ता का कहना है कि आरोपियों ने कई बार अलग-अलग तारीखों पर पैसे लिए और बाद में न केवल रकम लौटाने से इनकार कर दिया, बल्कि धमकी भी दी कि अगर उन्होंने इस मामले को बाहर उठाया तो उन्हें जान से मार दिया जाएगा। कोर्ट के आदेश पर सदर कोतवाली पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
