सरकारी अस्पतालों में नहीं 10 जरूरी दवाएं, बीपी और शुगर जैसे दवाएं भी मरीजों को बाहर से खरीदनी पड़ रहीं
लखनऊ, अमृत विचार: शहर के प्रमुख सरकारी अस्पतालों में भी बीपी, शुगर समेत करीब 10 तरह की जरूरी दवाएं नहीं हैं। मरीजों को ये दवाएं बाहर से खरीदनी पड़ रही हैं। अस्पताल के अधिकारियों का कहना है कि दवाओं की कमी नहीं है।
शहर के सिविल, लोकबंधु, बीआरडी
महानगर, बलरामपुर अस्पताल समेत कई सरकारी अस्पतालों में मरीजों को कई दिन से जरूरी दवाएं नहीं मिल पा रही हैं। ओपीडी में आने वाले मरीजों को डॉक्टर दवा लिख रहे हैं। ओपीडी स्लिप और पर्चे को लेकर मरीज व तीमारदार जब दवा काउंटर पर जा रहे हैं तो उन्हें यह कहकर लौटा दिया जा रहा है कि दवाएं नहीं हैं। मरीज व तीमारदार एक से दूसरे काउंटर पर दवा लेने के लिए पहुंच रहे हैं, लेकिन काउंटरों के चक्कर काटने के बाद भी दवाएं नहीं मिल रही है। उन्हें बाहर से दवाएं खरीदने की सलाह दी जा रही है। मजबूरन मरीज व तीमारदार बाहर दुकानों से रुपये चुकाकर दवा खरीद रहे हैं।
ये दवाएं नहीं मिल रहीं
-थॉयराइड की सबसे अहम दवा थायरोक्सिन।
-कान में संक्रमण दूर करने के लिए ट्राइमाजोल ईयर ड्रॉप।
-पेट में संक्रमण दूर करने के लिए ऑर्निडाजोल 500 एमजी।
-चोट के साथ सूजन खत्म करने वाली दवा सेरेटियोपेप्टिडेज।
-आंखों में जलन, सूजन सही करने के लिए ईएमसी एंटीबॉयोटिक आई ड्रॉप।
-हड्डी के लिए कैल्शियम की दवा विटामिन डी थ्री। साथ ही सप्ताह में एक बार दूध के साथ पीने वाला कैल्शियम सैचेट।
-दिल के मरीजों के लिए बीपी नियंत्रण वाली दवा मेटोप्रोलोल 50 एमजी।
