महापौर ने अफसरों को लगाई फटकारा, कहा- गलती आपकी है जनता क्यों भुगते
लखनऊ, अमृत विचार : कार्यकारिणी बैठक में पूर्व में हुए कई निर्णयों का अनुपालन न होने पर महापौर ने नाराजगी जताई। टैक्स रिवीजन का मुद्दा प्रमुखता से उठाया। कहा, जब कार्यकारिणी और सदन से भवन का टैक्स रिवीजन अप्रैल 2022 से ही लागू करने का प्रस्ताव पारित हो चुका था तो भवन स्वामियों से वर्ष 2002, 2008, 2014 और 2018 से संशोधित बिल क्यों वसूले जा रहे हैं। संबंधित अधिकारियों को फटकार लगाते हुए स्पष्टीकरण भी मांगा। कहा, तय करें कि टैक्स निर्धारण में किसी भी नागरिक के साथ अन्याय न हो। उन्होंने कहा कि, आखिरकार गलती आप लोगों की है और जनता क्यों भुगते।
लालबाग स्थित नगर निगम मुख्यालय में शुक्रवार को महापौर सुषमा खर्कवाल की अध्यक्षता में कार्यकारिणी बैठक हुई। कार्यकारिणी समिति की सामान्य बैठक 22 अगस्त व स्थगित बैठक 22 अगस्त की कार्यवाही की पुष्टि पर चर्चा की। बैठक में यह भी पाया कि कार्यकारिणी द्वारा लिए गए निर्णयों का अनुपालन नहीं किया गया। इसमें संकल्प संख्या 258 के अंतर्गत पद्म विभूषण अमृतलाल नागर के नाम पर चौक चौराहे का नामकरण करने का निर्णय लिया गया था। जो दो माह बीत जाने के बाद भी नामकरण नहीं किया। महापौर ने इसे कार्यकारिणी की स्पष्ट अवहेलना बताते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब-तलब किया।
नगर आयुक्त गौरव कुमार से सवाल किया कि टेंडर प्रक्रिया में वित्तीय पात्रता की असंगति क्यों हुई। जहां 70 लाख के टेंडर में 50 लाख की हैसियत मांगी गई, वहीं 6 करोड़ के टेंडर में केवल 30 लाख की ही हैसियत क्यों निर्धारित की गई। यह भी सवाल किया कि पीएमसी राजीव गिरधर की नियुक्ति किस आधार पर की गई हैं। इस तरह की मनमानी और लापरवाही पर संबंधित अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कई मुद्दों पर जवाब मांगा।
वहीं, स्वास्थ्य विभाग में 46 मृतक आश्रितों की फाइलें लंबित होने पर कड़ा रुख अपनाया।निर्देशों के बावजूद केवल 28 लोगों को नियुक्ति देना पाया, जबकि 18 फाइलें लंबित होने पर लापरवाह अफसरों को फटकार लगाते हुए कार्रवाई के निर्देश दिए। बैठक में कार्यकारिणी उपाध्यक्ष चरणजीत गांधी, सभी अपर नगर आयुक्त, नगर निगम और जलकल विभाग के अधिकारी व सदस्य उपस्थिति में कई अहम मुद्दों पर निर्णय लिए गए।
दिवाली पर रोशन नहीं हुए वार्ड, सड़काें के पैचवर्क पर सवाल
महापौर ने संकल्प संख्या 259 के अंतर्गत मार्ग प्रकाश विभाग द्वारा लाइट लगाने में देरी होना पाया। इस पर नाराजगी जताई। कहा कि दशहरा और दीपावली से पहले सभी 110 वार्डों में 25-25 लाइटें लगाने के निर्देश दिए गए थे। लेकिन कार्य दिवाली तक भी पूरा नहीं हुआ। अधिकारियों को चेतावनी देते हुए अगली बैठक में जवाब मांगा है। वहीं, शहर में टूटी सड़कों कहा कि बजट की कमी का बहाना बनाकर पैचवर्क कार्य रोका गया है, जबकि उन्होंने अपनी निधि से 50 लाख रुपये पार्षदों की निधि से 5-5 लाख रुपये देने की अनुमति दी थी। इसके बावजूद कार्य पूरा न करने पर अधिकारियों से जवाब-तलब किया है। साथ ही पैचवर्क के लिए अतिरिक्त 10 करोड़ रुपये जारी करने के निर्देश दिए।
कंप्यूटर आपरेटरों का एक समान वेतन का दबा गए प्रस्ताव
संकल्प संख्या 261 के अंतर्गत कार्यदायी संस्था के माध्यम से कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटरों को समान वेतन देने का प्रस्ताव पारित किया गया था। जो अफसर दबा गए। दो माह बीत जाने के बावजूद कार्रवाई न करने पर अगली बैठक में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। यह भी मुद्दा उठाया कि जब कोई अधिवक्ता नगर निगम के पैनल में है, तो उसे अलग से फीस क्यों दी जा रही है। कार्यकारिणी द्वारा जिस अधिवक्ता को हटाने का निर्णय लिया गया था, वह अभी तक पैनल से हटाये क्यों नहीं गए।
जोन की पूरी जिम्मेदारी जोनल की, अपर नगर आयुक्त नहीं देंगे दखल
बैठक में महापौर ने दो शासनादेश कार्यकारिणी के पटल पर रखे और महत्वपूर्ण निर्णय लेकर अपर नगर आयुक्त और जोनल अधिकारियों के कार्यों को अलग करने के निर्देश दिए। कहा कि अब प्रत्येक जोन की पूरी जिम्मेदारी संबंधित जोनल अधिकारी की होगी और इसमें अपर नगर आयुक्त किसी तरह का दखल नहीं देंगे। जलकल विभाग के जीएम व नगर निगम के सिविल विभाग के मुख्य अभियंता सीधे नगर आयुक्त को रिपोर्ट करेंगे। यह तत्काल प्रभाव से लागू करें।
