यूपी: एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल जारी, परेशान दिखे मरीज व तीमारदार, सीएम योगी ने दी ये चेतावनी
लखनऊ। प्रदेश में 108 और 102 एंबुलेंस कर्मचारियों की अनिश्चतकालीन हड़ताल मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी रहीं। सरकार के सख्त रवैये को देखते हुए एंबुलेंस संचालन करने वाली कंपनी जीवीके ईएमआरआई ने एंबुलेंस संघ के प्रदेश अध्यक्ष समेत समस्त पदाधिकारियों को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया है। सरकार ने सोमवार को हड़ताली कर्मचारियों …
लखनऊ। प्रदेश में 108 और 102 एंबुलेंस कर्मचारियों की अनिश्चतकालीन हड़ताल मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी रहीं। सरकार के सख्त रवैये को देखते हुए एंबुलेंस संचालन करने वाली कंपनी जीवीके ईएमआरआई ने एंबुलेंस संघ के प्रदेश अध्यक्ष समेत समस्त पदाधिकारियों को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया है। सरकार ने सोमवार को हड़ताली कर्मचारियों पर एस्मा लगाने की चेतावनी दी थी। इसके बावजूद कर्मचारी आंदोलन पर डटे हुए हैं। इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त रूख अपनाते हुए सेवाएं प्रभावित करने वालों पर एफआईआर कराने के निर्देश दिए हैं।
एएलएस एम्बुलेंस कर्मचारियों की ओर से हड़ताल जारी रखने से मरीजों को हो रही दिक्कत को देखते हुए सरकार ने सख्त रुख अपना लिया है। जिसके बाद कंपनी ने एंबुलेंस कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। उधर, राजधानी समेत अन्य जिलों में भी हड़ताल के चलते से लोग परेशान हुए। सरकार की सख्ती को देखते कंपनी ने कहा है कि संघ के प्रदेश अध्यक्ष समेत 14 पदाधिकारियों को बर्खास्त कर दिया हैं। साथ ही निर्देश दिया है कि जो भी कर्मचारी दोपहर तीन बजे तक ड्यूटी ज्वाइन नहीं करते हैं, उन सभी को बर्खास्त कर दिया जाएगा। इधर, एस्मा एक्ट के तहत अशियाना थाने में सभी पदाधिकारियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करा दी है। जिन कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया है, उनमें हनुमान पांडेय, सुशील पांडेय, शरद यादव, सुनील सचान, प्रवीण मिश्रा, सतेंद्र कुमार, बृजेश कुमार, गिरजेश कुमार, जयशंकर मिश्रा, महेंद्र सिंह, नीतीश कुमार, रितेश शुक्ला, विनय तिवारी सहित अन्य हैं।
एंबुलेंस बढ़ाई, आंदोलन रहेगा जारी
एंबुलेंस संघ के प्रदेश अध्यक्ष हनुमान पांडेय ने बताया कि सरकार की ओर से सख्ती की जा रही है लेकिन हमारा आंदोलन मांगें पूरी न होने तक जारी रहेगा। पहले प्रत्येक जिलों में पांच एंबुलेंस चलाई जा रही थी और अब जनता की परेशानी को देखते हुए प्रत्येक जिले में 10 से 20 तक एंबुलेंस चलाने के लिए सहयोगियों से कहा गया है।
मरीज की मौत पर होगी सख्त कार्रवाई: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री योगी ने कहा, लापरवाही के कारण यदि प्रदेश में किसी भी मरीज की मौत हुई तो संबंधित अधिकारी और कर्मचारी के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग और गृह विभाग इसे कड़ाई से पालन कराए। सरकारी कर्मचारी और आउटसोर्सिंग से संबंधित कर्मचारी अपनी ड्यूटी और दायित्वों को निभाएं। हर मरीज को तुरंत इलाज मिलना चाहिए।
आठ एंबुलेस की व्यवस्था
एंबुलेंस कर्मियों के प्रदर्शन को देखते हुए लखनऊ में स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ गया है। लखनऊ के सीएमओ ने नोडल अधिकारी तैनात किए हैं। उनके नंबर भी जारी किए गए हैं। इमरजेंसी के लिए आठ एंबुलेंस लगाई गई है। हर एंबुलेंस पर चार-चार कर्मचारी तैनात किए गए हैं। आशा और एएनएम को इन एंबुलेंस के नंबर दिए गए हैं। इन एंबुलेंस के अलावा सात एंबुलेंस को इमरजेंसी के लिए रिजर्व किया गया है।
एंबुलेंस के लिए इन नंबरों पर करें संपर्क —
विजय कुमार – 9335213689
ऋषि यादव – 9758282727
परेशान दिखे मरीज व तीमारदार
एंबुलेंस कर्मचारियों की हड़ताल से प्रदेश भर में स्वास्थ्य सेवाओं पर जबरदस्त असर देखने को मिला। एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम (एएलएस) एंबुलेंस के चक्के थमने से प्रदेशभर के मरीज व तीमारदार परेशान दिखे। सरकार ने एस्मा लगाने की चेतावनी दी लेकिन कर्मचारी अपनी मांगों पर अड़े हैं।
एम्बुलेंस की हड़ताल के चलते केजीएमयू ट्रामा सेंटर ई-रिक्शा व निजी वाहनों से मरीज पहुंचे। दोपहर को केजीएमयू ट्रामा सेंटर में हरदयाल (56 वर्ष) पैर में चोट लगने से एंबुलेस से आते लेकिन एंबुलेंस न चलने से उन्हें निजी वाहन किराए पर लेना पड़ा। ई-रिक्शा से करीब चार साल की बच्ची लेकर पिता पहुंचे। बताया कि दुबग्गा से आ रहे है ऐसे एंबुलेंस को फोन कर देते तो आसानी से पहुंच जाते। इसी तरह श्याम शुक्ला (58 वर्ष) टांग टूटी है लेकिन एंबुलेंस न चलने से परिचित की गाड़ी से केजीएमयू पहुंचे। वहीं, सिविल अस्पताल में ई रिक्शा व निजी वाहनों से मरीज पहुंचे।
