देश के विकास के लिए शिक्षित समाज महत्वपूर्ण कड़ी: राष्ट्रपति कोविंद

Amrit Vichar Network
Published By Amrit Vichar
On

कानपुर। देश के विकास के लिए शिक्षित समाज की जरूरत पर बल देते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि सांप्रदायिक सदभाव और समरसता की भावना से खुशहाली के पथ पर आगे बढ़ा जा सकता है। कानपुर के दो दिवसीय दौरे के पहले दिन कोविंद बुधवार को यहां मेहरबान सिंह पुरवा गांव में समाजवादी नेता …

कानपुर। देश के विकास के लिए शिक्षित समाज की जरूरत पर बल देते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि सांप्रदायिक सदभाव और समरसता की भावना से खुशहाली के पथ पर आगे बढ़ा जा सकता है। कानपुर के दो दिवसीय दौरे के पहले दिन कोविंद बुधवार को यहां मेहरबान सिंह पुरवा गांव में समाजवादी नेता चौ. हरमोहन सिंह यादव के जन्म शताब्दी समारोह में शामिल हुए। राष्ट्रपति के साथ मंच पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल मौजूद रहीं। जबकि सीएम योगी राष्ट्रपति की अगवानी करने के बाद कानपुर से रवाना हो गए।

उन्होने कहा “ चौधरी साहब अक्सर कहा करते थे कि राष्ट्र निर्माण में ग्रामीण, कृषि विकास व ग्राम पंचायतों की अहम भूमिका है। विकास का आधार शिक्षा होती है, शिक्षा से ही विकास संभव है। साथ ही इस फलसफे को वह बखूबी समझते थे। इसको देखते हुए ही यहां पर इस परिवार ने शिक्षण संस्थाओं का जाल बिछा दिया है। राष्ट्रपति ने कहा कि, कानपुर में चारों तरफ शिक्षा का जाल बिछा है। ऐसे में कानपुर की जिम्मेदारी भी अहम हो जाती है। चौधरी हरमोहन सिंह के साथ अपने सांसद कार्यकाल को याद करते हुए राष्ट्रपति ने कहा “इस क्षेत्र का विकास यहां की परंपराओं और अनूकुलता के अनुसार हुआ है।

राज्यसभा में हम दोनों ने संसद के कई कार्यकलाप में भाग लिया है। मेहरबान सिंह का पुरवा तो अब टाउनशिप जैसा विकसित हो चुका है। ऐसे में चौधरी परिवार से अपेक्षा है कि समाज से उन्हें जितना सम्मान मिला है, ऐसे में उसे लौटाना भी जरूरी है। अपने अभिभाषण के दौरान कोविंद ने कई बार कानपुर का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कानपुर से उनका काफी लगाव है। यहीं पर रहकर उन्होंने शिक्षा ग्रहण की। इस धरती के आशीर्वाद से वह देश के प्रथम नागरिक बने। इस दौरान राष्ट्रपति ने कानपुर और आसपास के लोगों को अपने परिवार जैसा बताया। राष्ट्रपति ने बताया कि ट्रेन में सफर के दौरान चौधरी साहब अक्सर घर से बना खाना, पकवान और लड्डू आदि लाते थे। वह न केवल हम लोगों को बल्कि उनके आसपास जितने लोग हैं।

पढ़ें: UPMSP के सचिव ने जारी किया आदेश, तीन दिसंबर तक अपलोड करें प्राप्त अंकों का विवरण

सभी को वह खाने को देते थे। उन्होंने कहा था कि ट्रेन में जितने लोग भी साथ में सफर कर रहे हैं, वह हमसफर हैं। ऐसे में यह हमसफर की भावना समाज में चरितार्थ हो जाए, तो जाति, बिरादरी, संप्रदाय, ऊंच नीच के भेद मिट जाएंगे और हम जहां पर रहते हैं, वहीं से स्वर्ग दिखने लगेगा। आजादी के अमृत महोत्सव का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि हम आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। स्वतंत्रता संग्राम में कानपुर का भी गहरा नाता है। यहां पर नानाराव पेशवा, तात्या टोपे, रानी लक्ष्मीबाई, चंद्रशेखर आजाद और भगत सिंह के बारे में तो सभी जानते हैं, लेकिन अजीजन बाई, जयदेव कपूर, शिव कुमार वर्मा, विजय कुमार सिन्हा, डॉ गया प्रसाद के बारे में भी जानकारी देना जरूरी है। राष्ट्रपति ने कहा कि आजादी के तमाम ऐसे गुमनाम नायक हैं।

जिनके बारे में भावी पीढ़ी को जानना चाहिए। उन्होंने कहा कि चौ. हरमोहन सिंह की सादगी और उनके समाज सुधार के कामों से परिचित रहा हूं। राज्यसभा में भी मैं उनके साथ रहा हूं। कानपुर की बात आती है तो परिवार की बात होती है। इसलिए मैंने यहां आना स्वीकार किया। स्वर्गीय हरमोहन सिंह के जन्मशताब्दी समारोह के बारे में मुझे सुखराम यादव ने बताया। इसके लिए उन्होंने ही मुझे आमंत्रित किया। इसलिए मैंने यहां आना स्वीकार किया। कानपुर पहुंचे राष्ट्रपति ने मंच से कहा कि पहले भी मैं जब सांसद था, तब मैंने यहां का विकास देखा है। विधानसभा से लेकर राज्यसभा तक चौधरी साहब के विचारों को गंभीरता से सुना जाता था। अपनी जान जोखिम में डालकर भी उन्होंने लोगों की रक्षा की। उनके समाज के प्रति इसी सेवाभाव को देखते हुए 1991 में उन्हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया।

संबंधित समाचार