गोरखपुर: कड़ी मेहनत से तय किया सफलता का सफर, लेखपाल बना IAS अफसर

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गोरखपुर। अपने मां-बाप की 9 संततियों में सबसे छोटा भाई पहले तो वर्ष 2016 में लेखपाल बना, किन्तु शुरू से ही उसका ध्येय यूपीएससी परीक्षा पास करना था। लिहाजा उसने अपने अधिकारी एसडीएम/ज्वाइंट मजिस्ट्रेट से अपनी इच्छा जताते हुए परीक्षा की अनुमति मांगी तो एसडीएम ने उसे एक वर्ष की छुट्टी भी स्वीकृत कर दी। …

गोरखपुर। अपने मां-बाप की 9 संततियों में सबसे छोटा भाई पहले तो वर्ष 2016 में लेखपाल बना, किन्तु शुरू से ही उसका ध्येय यूपीएससी परीक्षा पास करना था। लिहाजा उसने अपने अधिकारी एसडीएम/ज्वाइंट मजिस्ट्रेट से अपनी इच्छा जताते हुए परीक्षा की अनुमति मांगी तो एसडीएम ने उसे एक वर्ष की छुट्टी भी स्वीकृत कर दी। नतीजा रहा कि लेखपाल केदारनाथ शुक्ला आज घोषित नतीजों में आईएस बन ही गया।

जीवन में तरक्की करने की अगर परिभाषा दी जाए तो वो परिभाषा होगी आप जहाँ हैं वर्तमान में वहां से कम से कम एक कदम आगे बढ़ जाएं।असल में सफलता भी इसी को कहते हैं। एक ऐसी ही तरक्की की मिसाल हैं सदर तहसील में तैनात 2016 बैच के लेखपाल केदारनाथ शुक्ला।जिन्होंने नवोदय विद्यालय पीपीगंज से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त कर बैचलर ऑफ आर्ट इग्नू से कर 2016 में लेखपाल की परीक्षा उत्तीर्ण कर सदर तहसील में अपने दायित्वों का निर्वहन किया।

किन्तु देश की सेवा करने की इच्छा रखते हुए अपनी पढ़ाई जारी रखते हुए उन्होंने ज्वाइंट मजिस्ट्रेट / एसडीएम सदर कुलदीप मीना से इच्छा जाहिर किया। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने लेखपाल के इच्छाओं को ध्यान में रखते हुए पूरे 1 वर्ष से केदारनाथ शुक्ला को छुट्टी दे रखा था कि अपनी आईएएस की तैयारी जारी रखें।

जिसका परिणाम देखने को मिला।आज केदारनाथ शुक्ला ने आईएएस बनकर गोरखपुर जनपद के सदर तहसील के ज्वाइंट मजिस्ट्रेट सहित तहसील कर्मचारियों का मान सम्मान बढ़ाकर सदर तहसील के सभी कर्मचारियों में एक उत्साह बढ़ा दिया है। तहसील कर्मचारियों में केदारनाथ की सफलता देख बहुत उत्साह है कि हमारे बीच का लेखपाल आईएएस अधिकारी होकर देश की सेवा करेगा और आगे चलकर हम लेखपालों की आवाज बुलंद करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगा।

बात करें केदारनाथ शुक्ला की तो गोरखपुर जनपद के हरपुर बुदहट क्षेत्र के सुगौना निवासी

किसान ओमकार नाथ शुक्ला, माता कालिंदी देवी के 9 बच्चों में इकलौते पुत्र और 8 पुत्रियां मीनू, ममता, मीनू, प्रीति, इंदु,बबीता, क्षमा, प्रिया में सबसे छोटे हैं। केदारनाथ शुक्ला ने अपने आईएएस अधिकारी होने का श्रेय अपने माता-पिता भाई के अलावा ज्वाइंटमजिस्ट्रेट/ एसडीएम सदर कुलदीप मीना, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट सुमित महाजन को दिया है। केदारनाथ शुक्ला ने बताया कि अगर जॉइंट साहब हमें 1 वर्षों से पढ़ाई के लिए छुट्टी नहीं देते तो आज हम यह मुकाम हासिल नहीं कर पाते हैं।

उन्हीं की देन है कि आज हम आईएएस अधिकारी बनने में कामयाब हुए हैं। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने अपने परिणाम घोषित किये और इस परिणाम में वरीयता क्रम में 465 नंबर पर केदारनाथ शुक्ला का नाम था।उन्होंने कहा कि रैंक मायने नहीं रखती, जहां केवल चुना जाना ही टॉप कर जाने के बराबर होता है। यूपीएससी का रास्ता इतना कठिन है कि हर कोई इस रास्ते पर चल नहीं सकता लेकिन अपने परिश्रम,लगन, एकाग्रता और दृढ़ता के बलबूते इस राह पर चले भी और लक्ष्य तक पहुँचे भी।

लेखपाल केदारनाथ शुक्ला के आईएएस अधिकारी होने पर जिलाधिकारी विजय किरन आनंद, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट एसडीएम सदर कुलदीप मीना, सदर तहसीलदार वीरेंद्र कुमार गुप्ता, नायब तहसीलदार विकास, लेखपाल दिनेश, पंकज, विनय श्रीवास्तव सहित समस्त लेखपालों ने केदारनाथ शुक्ला को बधाई दिया।

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