50 हजार का इनामी : पहचान छिपाकर करता था जाली करेंसी की सप्लाई

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अमृत विचार ,लखनऊ। राजधानी पुलिस ने क्राइम ब्रांच के सहयोग से जाली करेंसी के सप्लायर व 50 हजार के इनामी बदमाश को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। सप्लायर लोगों को चार गुना रुपये देने का झांसा देकर उन्हें जाली करेंसी थमा देता था। जब पीड़ितों को जाली करेंसी का पता चला और वह …

अमृत विचार ,लखनऊ। राजधानी पुलिस ने क्राइम ब्रांच के सहयोग से जाली करेंसी के सप्लायर व 50 हजार के इनामी बदमाश को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। सप्लायर लोगों को चार गुना रुपये देने का झांसा देकर उन्हें जाली करेंसी थमा देता था। जब पीड़ितों को जाली करेंसी का पता चला और वह विरोध करते तो सप्लायर उन्हें अंडर वर्ल्ड की धकमी देकर चुप करा देता। पुलिस की गिरफ्त में आया जाली करेंसी सप्लायर कानपुर देहात के गुजैनी का निवासी है।

क्राइम ब्रांच प्रभारी सतीश चंद्र साहू के मुताबिक, एटीएस से सूचना मिली थी कि एक गिरोह जाली करेंसी उपलब्ध कराने का लालच देकर लोगों के रुपये चार गुना करने का झांसा देकर लूट और ठगी की घटनाओं को अंजाम दे रहा है। इसके बाद टीम ने मुखबिर तंत्र की मदद से जाली करेंसी सप्लायर अवनेंद्र को गिरफ्तार किया।

पड़ताल के दौरान पता चला कि सप्लायर झांसा देने के लिए वह नोट के आकार का कागज लेकर उसको ड्राइ से नोट की तरह प्रिंट करता था। जिसके बाद वह चार गुना रकम के लालच में पैसा लेकर आने वाले लोगों को जाली करेंसी थमा देता था। अगर किसी को जाली करेंसी की जानकारी होती तो वह उन लोगों को अंडर वर्ल्ड की धमकी देकर मुंह बंद करा देता था।

इस सम्बन्ध में डीसीपी पूर्वी प्राची सिंह ने बताया कि सप्लायर की पहचान कानपुर देहात के गुजैनी निवासी अवनेंद्र मिश्र के रूप में की गई है। वह रकम चार गुना करने के नाम पर लोगों के नकली देकर उनसे असली नोट हड़प लेता था। वह गौतमबुद्धनगर के थाना विसरख के अरिहंत अपार्टमेंट में पहचान छिपाकर रह रहा था। करीब 11 महीने से पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। मुखबिर की सूचना पर सोमवार देर रात पुलिस ने पकड़ा।

उन्होंने बताया कि 29 अक्टूबर 2021 को एटीएस ने गोमतीनगर कोतवाली में अवनेंद्र मिश्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया था। इसके साथ ही दो लोगों को 45 लाख की जाली करेंसी के साथ गिरफ्तार किया था। पकड़े गए लोगों की निशानदेही पर अवनेंद्र का नाम प्रकाश में आया था। पूछताछ में अवनेंद्र ने बताया कि साल 2013 से वह गिरोह बना प्रदेश नहीं बल्कि मध्म प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, बिहार समेत महाराष्ट्र में जाली करेंसी का कारोबार करता है।

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