अयोध्या : स्वामित्व योजना का बुरा हाल, ग्रामीणों की बढीं मुश्किलें
लंबी कवायद के बाद भी लोगों तक नहीं पहुंची घरौनी,1235 राजस्व गांवों में से 800 का सर्वे, मैपिंग सिर्फ 232 की
अमृत विचार, अयोध्या। आवास अथवा आवासीय भूखंडों के अभिलेख ग्रामीणों को उपलब्ध करवाने की स्वामित्व योजना जिले में परवान नहीं चढ़ पा रही है। जिले के 1235 राजस्व गांवों में से ड्रोन कैमरे के माध्यम से मात्र 800 गांवों का सर्वे कराया जा सका है।
वहीं सिर्फ 232 गांवों की मैपिंग हुई है। इसके बाद कार्यदायी संस्था ने काम रोक दिया। यही कारण है कि लंबी कवायद के बाद भी जनपद की अधिकांश ग्रामीण आबादी को अब तक उनकी घरौनी नहीं मिल पाई है।
स्वामित्व योजना के तहत जनपद के 1235 राजस्व गांवों का ड्रोन सर्वे कर आबादी क्षेत्र में रहने वाले लाखों ग्रामीणों को आवास अभिलेख घरौनी उपलब्ध करवाई जानी थीं। इस कवायद में सदर, सोहावल व बीकापुर और रुदौली के कुल 800 राजस्व गांवों का ही ड्रोन कैमरे से सर्वे कराया जा सका है। सर्वे के सापेक्ष सदर में मात्र 53 राजस्व गांव की मैपिंग हो सकी।
सोहावल में 80, रुदौली में 44, बीकापुर में 55 राजस्व गांव की मैपिंग का काम पूरा किया गया। योजना के तहत सभी राजस्व गांवों का सर्वे होना था, लेकिन लापरवाही के कारण यह अभी तक पूरा नहीं हो सका है। बताया जाता है कि जिस कार्यदायी संस्था को सर्वे की जिम्मेदारी दी गई थी उसने बीच में ही कार्य रोक दिया।
इसलिए लागू की गई थी योजना
स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीण परिवारों को उनके आवास अभिलेख घरौनी देकर गांव में भूमि विवाद कम करने की मंशा थी। घरौनी का उपयोग बैंक गारंटी के तौर पर करने या उसके आधार पर लोन दिलवा कर ग्रामीण आबादी को आर्थिक रूप से सम्बल देना था लेकिन प्रशासन की लेटलतीफी के चलते लाखों ग्रामीणों को सरकार की इस बहुउद्देश्यी योजना का फायदा नहीं मिल पा रहा है।
अपर जिला अधिकारी वित्त एवं राजस्व, महेंद्र कुमार सिंह के मुताबिक ड्रोन सर्वे करने वाली कार्यदायी संस्था ने अब तक सर्वे मानचित्र नहीं दिए हैं। मानचित्र मिलने के बाद ही घरौनी बनाने व वितरित करने का काम शुरू हो पाएगा। इसको लेकर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। संबधित संस्था को अनुस्मारक पत्र भेजा गया है।
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