केजीएमयू में दवाएं उपलब्ध कराने की फार्मासिस्ट को जिम्मेदारी
दवाओं की कालाबजारी रोकने के लिए केजीएमयू प्रशासन ने उठाया महत्वपूर्ण कदम
अमृत विचार, लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) में दवाओं की कालाबाजारी नहीं हो सकेगी। रेट कान्ट्रेक्ट (आरसी) की सूची में शामिल दवाएं काउंटर पर उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी अब फार्मासिस्ट को सौंपी गई है । दरअसल केजीएमयू में 15 हॉस्पिटल रिवॉल्विंग फंड (एचआरएफ) के स्टोर हैं।
इनमें 40 से 60 फीसदी कम रेट पर दवाएं मरीजों को देने की व्यवस्था की गई है। ऐसे में जानकारी मिली थी कि इन स्टोर के माध्यम से दलाल दवाओं को खरीदकर सीधे बाहरी मेडिकल स्टोर को सप्लाई कर रहे हैं। इस संबंध में एसटीएफ ने भी एक बार खुलासा कर केजीएमयू प्रशासन को जानकारी दी थी। जिसके बाद केजीएमयू प्रशासन ने ये निर्णय लिया है।
सभी स्टोर को भेजा गया ये आदेश : केजीएमयू एचआरएफ डॉ. अनुराधा निश्चल की तरफ से सभी स्टोर पर जिम्मेदारी संभाल रहे कर्मचारियों को आदेश जारी किया गया है। ऐसे में स्टोर में तैनात सभी फार्मासिस्ट दवाएं जो रेट कॉन्ट्रैक्ट में हैं, उनके काउंटर पर उपलब्ध करायेंगे। प्रत्येक काउंटर पर दवाओं की मांग का रजिस्टार बनाया जाए। उसकी एक प्रति एचआरएफ के मुख्य स्टोर पर ईमेल के माध्यम से भेजें। डॉक्टर की सलाह वाला पर्चा भी संरक्षित करना होगा।
ये नियम हुए तय
- काउंटर पर 10 दिनों की दवा अनिवार्य
- बिना बिल के दवा वापसी नहीं होगी
- कर्मचारी जमा करेंगे अपने दस्तावेज
- आधार कार्ड की प्रति
- बायोडाटा, पैन कार्ड
- फार्मासिस्ट लाइसेंस की फोटोकापी जमा करें
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