अयोध्या: किसानों की मुश्किलें होंगी हल, हर गांव में होंगे गोवंश आश्रय स्थल

प्रधानों को मिला निर्माण का जिम्मा, चारागाह, नवीन परती, बंजर भूमि पर होगा निर्माण 

अयोध्या: किसानों की मुश्किलें होंगी हल, हर गांव में होंगे गोवंश आश्रय स्थल

अमृत विचार, अयोध्या। किसानों की फसलों के हो रहे नुकसान और निराश्रित गोवंशों के संरक्षण की दिशा में जिला प्रशासन ने एक बड़ी पहल की है। इसके लिए जनपद की सभी ग्राम पंचायतों में निराश्रित गोवंश आश्रय स्थल संचालित होंगे। इनके निर्माण का जिम्मा ग्राम प्रधानों पर होगा। जिलाधिकारी नितीश कुमार ने हमारा गांव, हमारी जिम्मेदारी और हर गांव गोशाला योजना का शुभारंभ किया। 

बुधवार को जिलाधिकारी नितीश कुमार ने कलेक्ट्रेट सभागार में जनपद के स्थायी व अस्थायी गोवंश आश्रय स्थल की अनुश्रवणार्थ जनपद स्तरीय अनुश्रवण मूल्यांकन एवं समीक्षा समिति की बैठक की। उन्होंने बताया कि ग्राम प्रधान अपने-अपने क्षेत्र में स्थित चारागाह, नवीन परती, बंजर भूमि पर नियमानुसार मनरेगा, ग्राम निधि से अस्थायी व स्थायी निराश्रित गोवंश आश्रय स्थल का निर्माण करा सकते हैं। इसी क्रम में उन्होंने मुख्य विकास अधिकारी व जिला विकास अधिकारी को जनपद के समस्त गांवों में निराश्रित गोवंशों की समस्याओं के स्थायी समाधान सुनिश्चित करने के लिए समस्त ग्राम प्रधानों/सचिवों को प्रेरित कर उनके गांव में स्थित भूमि पर गोवंश आश्रय स्थल बनाने के लिये ग्रामसभा की बैठक में नियमानुसार प्रस्ताव स्वीकृत कराकर यथाशीघ्र गोवंश आश्रय स्थलों का संचालन प्रारम्भ कराने के निर्देश दिये। साथ ही शत-प्रतिशत गोवंशों का ईयर टैगिंग सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। 

मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने बताया कि जनपद में कुल 34 गौ-आश्रय स्थलों में 10010 पशु संरक्षित किये गये हैं। इसी के साथ ही जनपद के विभिन्न ब्लाकों में वर्तमान में कुल 29 अस्थायी गौवंश आश्रय स्थल निर्माणाधीन हैं। जिलाधिकारी ने सभी निर्माणाधीन आश्रय स्थलों को शीघ्र पूर्ण एवं क्रियाशील करने के निर्देश दिये। 

भरण-पोषण के लिए प्रति गोवंश मिलेंगे 30 रुपये

जिलाधिकारी ने कहा कि इन आश्रय स्थलों के संचालन से सभी ग्राम प्रधान अपने-अपने क्षेत्र के निराश्रित गोवंशों को उसमें संरक्षित कर निराश्रित गोवंशों की समस्या का स्थायी समाधान करा सकते हैं। उन्होंने इन गौशालाओं के संचालन की पूरी प्रक्रिया की जानकारी देते हुये कहा कि गोशालाओं में गोवंशों के भरण-पोषण के लिये 30 रुपए प्रति गोवंश रोजाना की दर से सरकार उपलब्ध कराती है। इसी के साथ ही उन्होंने ग्राम प्रधानों को अपनी पंचायत के अंतर्गत आने वाले चारागाह की भूमि पर स्वयं हरे चारे की व्यवस्था करने व गोबर से भी आय का साधन सृजित करने के निर्देश दिये। 

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