अयोध्या : अगले साल मकर संक्रांति पर प्राण प्रतिष्ठा के दौरान रहेगा अद्भुत संयोग 

75 वर्ष बाद 2024 मकर संक्रांति पर पड़ रहा पौष शुक्ल तृतीया

अयोध्या : अगले साल मकर संक्रांति पर प्राण प्रतिष्ठा के दौरान रहेगा अद्भुत संयोग 

अयोध्या। जनवरी 2024 में मकर संक्रांति पर सूर्य के उत्तरायण होते ही राम जन्मभूमि मंदिर के गर्भगृह में रामलला विराजमान होंगे। यह दिन अयोध्या के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना गया है क्योंकि राम जन्मभूमि में पौष शुक्ल तृतीया के दिन प्राकट्य हुआ था। वर्ष 2024 में पौष शुक्ल तृतीया 75 वर्ष बाद मकर संक्रांति को ही पड़ रही है। 75 वर्ष बाद गर्भगृह में भगवान का स्वरूप भी भव्य होगा।  

राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट अब मंदिर में रामलला की खड़े अवस्था में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा करेगा। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय बताते हैं कि भगवान रामलला के स्थाई मूर्ति के स्वरूप पर मंथन शुरू हो गया है। रामलला की स्थाई मूर्ति श्याम रंग की होगी। मूर्ति के आकार और प्रकार को लेकर पद्मश्री पुरस्कार से पुरस्कृत मूर्तिकारों को स्थाई मूर्ति के निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्होंने बताया कि मंदिर में स्थापित की जाने वाली मूर्ति 5 वर्षीय बालक के स्वरूप पर होगी जिसमें मूर्ति की ऊंचाई लगभग साढ़े 8 फीट ऊंची होगी। रामलला के प्रधान पुजारी सत्येंद्र दास कहते हैं कि रामलला की मूर्ति आकाशीय रंग की होनी चाहिए। मूर्ति के रंग को लेकर शास्त्र में वर्णित बहुचर्चित श्लोक नीलांबुज-श्यामल कोमलाङ्ग की तर्ज पर ही भगवान की मूर्ति का स्वरूप और आकार रखा जाएगा।

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