बरेली: कोल्ड स्टोर में आलू भंडारण हुआ महंगा, किसानों की जेब पर एक और बोझ बढ़ा

Amrit Vichar Network
Published By Vikas Babu
On

बरेली, अमृत विचार। महंगा डीजल, खाद व बीज पहले से ही किसानों के लिए मुसीबत बने थे, अब उनकी जेब पर एक और बोझ बढ़ गया है। कोल्ड स्टोर में आलू भंडारण महंगा हो गया है। प्रति क्विंटल आलू भंडारण शुल्क में 20 रुपये का इजाफा हो गया है, जो आलू पहले 250 रुपये प्रति क्विंटल के किराये पर रखा जा रहा था, अब वो 270 रुपये के किराये पर रखा जाएगा। पिछले साल की तुलना में इस बार आलू सहेजना किसानों के लिए महंगा साबित होगा।

यह भी पढ़ें- बरेली: मोबाइल से एक गलती और अकाउंट खाली, लिंक भेजकर साइबर ठग ने उड़ाए एक लाख रुपए

उद्यान विभाग के आंकड़ों के मुताबिक जनपद में सवा लाख मिट्रिक टन से अधिक आलू की खेती होती है। फतेहगंज पश्चिमी, फतेहगंज पूर्वी इसमें सबसे आगे है। आंवला में भी आलू की खेती होती है। आलू की खोदाई भी अब धीरे- धीरे रफ्तार पकड़ने लगी है। बाजार में नया आलू आना शुरू हो गया है। हालांकि, उम्मीद के मुताबिक किसानों को भाव नहीं मिल रहे हैं। कम कीमतें पहले ही उनके लिए परेशानी का सबब बनी थीं, अब भंडारण शुल्क में वृद्धि से उनकी मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं।

कोल्ड स्टोर में 1 फरवरी से लेकर 30 नवंबर तक आलू भंडारण होता है। पिछले साल तक कोल्ड स्टोरेज में किसानों से 250 रुपये प्रति क्विंटल भंडारण शुल्क लिया गया था। इस बार कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन ने इसे बढ़ाकर 270 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। इससे आलू भंडारण में किसानों की जेब ढीली होगी। बिजली, डीजल, लोडिंग चार्ज महंगा होने के कारण ये किराया बढ़ना तय माना जा रहा है।

उत्पादन व भंडारण क्षमता में हुआ इजाफा
जिला उद्यान अधिकारी पुनीत पाठक ने बताया कि वर्तमान में जनपद में 28 कोल्ड स्टोर संचालित हैं। बीते साल आलू का उत्पादन 1.16 लाख मिट्रिक टन था। इसके बाद चार हजार मिट्रिक टन उत्पादन बढ़ने की उम्मीद बनी हुई है। भंडारण क्षमता भी इजाफा हुआ है। बीते साल 1.12 लाख के सापेक्ष इस पर 1.18 लाख मिट्रिक टन भंडारण की क्षमता निर्धारित है।

भाव भी कम, भंडार शुल्क भी अधिक
बाजार में आलू के भाव काफी कम हैं, जो दाम मिल रहे हैं, उसमें लागत भी निकलना मुश्किल है। हर साल करीब 200 क्विंटल आलू कोल्ड स्टोरेज में रखता हूं। इस बार भंडारण शुल्क बढ़ गया है। इससे और भी दिक्कत होगी।

इतवारी, फतेहगंज पूर्वी
पिछले दो साल तक नुकसान झेला है। इस बार केवल तीन बीघा में आलू की फसल की है। बाजार में जो भाव मिल रहा है, उस पर उपज बेची तो लागत भी नहीं निकल पाएगी। दूसरी तरफ, अब तो कोल्ड स्टोर में भंडारण का शुल्क भी बढ़ा दिया गया है।

शुल्क बढ़ाने के पीछे के तर्क
पिछले कई साल से कोल्ड स्टोर में आलू भंडारण का शुल्क नहीं बढ़ा था। कोल्ड स्टोरेज का शुल्क स्थानीय स्तर से नहीं बल्कि इसका निर्णय कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन के राष्ट्रीय स्तर पर हुआ है। बिजली, डीजल आदि में महंगाई लगातार बढ़ रही है। इसे देखते हुए मामूली शुल्क बढ़ाना का निर्णय लिया गया है--- हरि प्रकाश अग्रवाल, अध्यक्ष, कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन।

यह भी पढ़ें- बरेली: सपा नेता को गोली मारने के मामले में नहीं हो सका खुलासा, पांच दिन बाद भी नहीं दी तहरीर

संबंधित समाचार