KGMU: डायबिटीज व हाइपरटेंशन से बढ़ रही किडनी की बीमारी, जागरूकता कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने दी जानकारी

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Published By Deepak Mishra
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लखनऊ/अमृत विचार। किडनी फेल होने के 50 से 60 प्रतिशत कारण डायबिटीज व हाइपरटेंशन है। यह कहना है केजीएमयू के नेफ्रोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. विश्वजीत सिंह का। वह रविवार को गुर्दा रोग के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) में आयोजित कराए गए जागरुकता कार्यक्रम में जानकारी दे रहे थे।

उन्होंने बताया कि हर चौथा व पांचवा व्यक्ति 40 की उम्र के बाद डायबिटीज व हाइपरटेंशन से ग्रसित हो जाता है, जिन व्यक्तियों को यह बीमारी होती है उनमें से 30 से 40 प्रतिशत लोगों के गुर्दा फेल होने की आशंका रहती है। इसलिए जो व्यक्ति इन बीमारियों से ग्रसित है वे निरंतर अंतराल पर ब्लड शुगर, पेशाब की जांच तथा किडनी फंक्शन टेस्ट कराते रहें।

उन्होंने कहा कि बिना डॉक्टरी सलाह दर्द निवारक तथा नेफ्रोटॉक्सिक दवाएं सेवन करने से भी गुर्दा फेल हो जाता है। गर्भवती महिलाएं में गुर्दा फेल होने का प्रमुख कारण असुरक्षित गर्भपात,  एक्लप्सिया तथा हेमरेज होता है। इसलिए महिलाओं को कुशल चिकित्सक के देख-रेख में ही अपना इलाज कराना चाहिए। इसके साथ ही गुर्दा में पथरी होने से भी सतर्क रहना चाहिए।

यह कोशिश करते रहे कि शरीर में पानी की मात्रा पर्याप्त रहे, इसके अलावा कई नवयुवकों के भी गुर्दा फेल हो जाते हैं, जिसका प्रमुख कारण ग्लोमेरुलो नेफराइटिस है। इस बिमारी में पेशाब में बहुत अधिक मात्रा में प्रोटीन एवं ब्लड आता है जिससे किडनी पर असर पड़ता है और अगर इसका सफल इलाज नहीं हुआ तो आगे चलकर कुछ ही सालों में गुर्दा फेल हो जाता है।

जागरूकता कार्यक्रम के दौरान इस मौके पर मरीजों का फ्री में शुगर, सीरम, यूरिया, क्रियेटेनीन तथा माइक्रोअलब्युमिन की जांच की गई। इस मौके पर मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो.वीरेंद्र, प्रो. कौसर उस्मान, प्रो. केके सावलानी, प्रो. एमएल पटेल, डॉ. अजय कुमार पटवा, डॉ. हरीश गुप्ता, डॉ. सतीश तथा प्रो. एस एन शंखवार ने भी अपने विचार साझा किए।

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