रामपुर: पुलिस की पिटाई से मौत का आरोप, बाद में मुकरे परिजन
गुस्साए परिजनों ने किया हंगामा, गांव मित्तरपुर में पुलिस बल मुस्तैद, किशोरी के अपहरण के मामले में फंसने पर दबाव बनाने की कोशिश
गांव में तैनान पुलिस, राजेश का फाइल फोटो।
शाहबाद(रामपुर), अमृत विचार। सोमवार को किशोरी भगाने के आरोपी की मौत हो गई। इसके बाद परिजनों ने पुलिस की पिटाई से मौत का आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया। शव के पोस्टमार्टम की मांग उठाने लगे। सूचना पर पुलिस भी हरकत में आ गई और भारी फोर्स गांव पहुंच गई। इससे गांव में खलबली मच गई। इसी बीच मृतक की पत्नी ने पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया। पुलिस के अनुसार मृतक की पत्नी भी नामजद है, उसे बचाने के लिए पुलिस पर दबाव बनाने के लिए झूठे आरोप लगा रहे थे।
शाहबाद कोतवाली के गांव मित्तरपुर अहरौला निवासी किशोरी ढाई माह पहले लापता हो गई थी। इस मामले में गांव के ही युवक, उसके मां-पिता और चाचा-चाची पर मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस युवक को नहीं ढूंढ सकी है, लेकिन उसके मां-पिता को जेल भेजा जा चुका है। मुकदमे में नामजद युवक के चाचा राजेश की सोमवार को मौत हो गई। जिस पर परिजनों ने पुलिस की पिटाई में घायल होने के चलते मौत का आरोप लगाकर हंगामा करना शुरू कर दिया।
खुद पर आरोप लगते देख पुलिस के भी होश फाख्ता हो गए। इसके बाद कोतवाल अजय मिश्रा पुलिस फोर्स के साथ गांव पहुंच गए और परिजनों से वार्ता की। साथ ही पंचनामे की कार्रवाई शुरू कर दी। लेकिन इसी बीच मृतक की पत्नी बेबी ने पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया। उसने कहा कि पुलिस ने उसकी और उसके पति की बहुत सहायता की, साथ ही उन्हें परेशान भी नहीं किया। कहा कि इस केस से अपना नाम निकलवाने के लिए उसने पुलिस पर आरोप लगाया था। इस पर कोतवाल ने उसे आगे भी मदद का भरोसा दिया। कहा कि किसी भी निर्दोष को परेशान नहीं होने दिया जाएगा।
मित्तरपुर गांव में राजेश की लंबी बीमारी के चलते मौत हुई है। गांव में हुए किशोरी के अपहरण में मृतक राजेश व उसकी पत्नी भी नामजद थे। परिजनों ने मृतक की पत्नी का नाम केस से निकलवाने के लिए यह सब आरोप लगाया, लेकिन जब बेबी से वार्ता की गई तो उसने पुलिस को लिखित में दिया है, कि उसे पुलिस से कोई शिकायत नहीं है। दो माह पूर्व दंपति को पूछताछ के लिए बुलाया गया, तो वह निर्दोष लगे। जिस पर उन्हें घर वापस भेज दिया गया था। -अजय कुमार मिश्रा, इंस्पेक्टर शाहबाद
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