प्रयागराज : शिवलिंग की कार्बन डेटिंग मामले में जवाब दाखिल ना करने पर एएसआई को लगाई फटकार

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Published By Virendra Pandey
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प्रयागराज, अमृत विचार। इलाहाबाद हाईकोर्ट में ज्ञानवापी मस्जिद मामले में शिवलिंग की कार्बन डेटिंग को लेकर बुधवार को सुनवाई नहीं हो सकी। शिवलिंग की कार्बन डेटिंग जांच के मामले में हाईकोर्ट ने आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) को गत 20 मार्च को हुई सुनवाई में जवाब दाखिल करने का अंतिम मौका दिया था।

न्यायमूर्ति अरविंद कुमार मिश्र (प्रथम) की एकलपीठ ने लक्ष्मी देवी व तीन अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि अंतिम मौका देने के बावजूद एएसआई के अधिकारियों द्वारा जवाब दाखिल नहीं किया गया। इतना ही नहीं न्यायमूर्ति अरविंद कुमार मिश्र (प्रथम) की एकलपीठ ने इस पर गहरी नाराजगी जताते हुए कहा कि पिछली सुनवाई में निदेशक, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को रिपोर्ट प्रस्तुत करने का अंतिम अवसर दिया गया था, जिसे अभी तक प्रस्तुत नहीं किया गया है। जिसके कारण इस न्यायालय की कार्यवाही में बाधा उत्पन्न हो रही है। निश्चित रूप से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के महानिदेशक का सुस्त रवैया अत्यधिक निंदनीय है। 

मालूम हो कि विगत नवम्बर, 2022 से निर्देशित होने के बावजूद प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं किया गया है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के महानिदेशक का पद धारण करने वाले एक उच्च अधिकारी को उक्त  मामले की गंभीरता को जानना चाहिए और मुख्य रूप से उच्च न्यायालय के आदेशों का सम्मान करना चाहिए। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के महानिदेशक और अधिक समय के पात्र नहीं हैं, लेकिन इस संशोधन की योग्यता पर विचार करने के लिए सीधे आगे बढ़ने से पहले रिपोर्ट प्रस्तुत करने का अंतिम मौका देना उचित होगा। जो पूरे देश को व्यापक स्तर पर प्रभावित करने वाला तत्व हो, उसे लंबे समय तक लंबित नहीं रखा जा सकता है। यह न्यायालय किसी भी प्राधिकरण को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बहाने देरी करने की अनुमति नहीं देगा।

अंतिम अवसर के रूप में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के महानिदेशक को 17 अप्रैल 2023 तक या उससे पहले रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए समय दिया जाता है। उसके बाद मामले की सुनवाई निश्चित तिथि पर गुण-दोष के आधार पर की जाएगी और किसी भी पक्ष को आगे कोई समय नहीं दिया जाएगा। गौरतलब है कि पिछली सुनवाई में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया से कोर्ट ने पूछा था कि क्या शिवलिंग को नुकसान पहुंचाए बिना कार्बन डेटिंग जांच की जा सकती है। याची के अधिवक्ता ने बताया कि इस जांच से शिवलिंग की आयु का पता चल सकेगा, लेकिन अभी तक एएसआई ने हाईकोर्ट में कोई जवाब दाखिल नहीं किया है। इसी पर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए एसआई को जवाब दाखिल करने का अंतिम मौका दिया है।

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