MNNIT के दीक्षांत समारोह में बोले लोकसभा अध्यक्ष- दुनिया में स्टार्ट अप्स की राजधानी के तौर पर बन चुकी है भारत की पहचान
प्रयागराज। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शनिवार को कहा कि आज भारत आत्मनिर्भरता की नई पहचान है और विश्व में स्टार्ट अप्स की राजधानी के रूप में जाने जाना जाता है। मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआईटी) के 19वें दीक्षांत समारोह को सम्बोधित करते हुये बिरला ने कहा कि देश के नौजवान 21 वी सदी को भारत की सदी बनाएंगे।
भारत का भविष्य उसके युवा आज तय करेंगे। अगले 25 साल में भारत दुनिया के शिखर पर तभी पहुंचेगा जब देश हर सेक्टर में आगे बढ़ें, और इस दिशा में नौजवानों को नेतृत्व करना है। उन्होंने कहा कि यह संस्थान प्रौद्योगिकी और नवाचार से समाज और मानवता के कल्याण के लिए समर्पित रहा है।
सूचना और प्रौद्योगिकी के इस युग में भारत के युवा देश विदेश में अपने कार्य से देश और सम्पूर्ण विश्व के विकास में अपना योगदान दे रहे हैं। भारत के युवा आज नए इनोवेशन के साथ स्टार्ट अप्स शुरू कर रहे हैं तथा समाज की चुनौतियों का समाधान खोज रहे हैं। आज पूरी दुनिया वैश्विक चुनौतियों के समाधान के लिये भारत की ओर देख रही है।
लाकसभा अध्यक्ष ने कहा कि आज के युवा जॉब सीकर से और जॉब क्रियेटर बन रहे हैं, जिसके कारण देश प्रगति के पथ पर अग्रसर है। भारत के युवा अपनी बौद्धिक क्षमता, कार्यकुशलता, नवाचार और संस्कारों के आधार पर पूरे विश्व में नेतृत्व दे रहे है। बिरला ने कहा कि आपदा, संकट के समय भारत ने विश्व को नेतृत्व दिया है। वैश्विक महामारी के विरुद्ध भारत के प्रयासों की दुनिया के कई देशों ने सराहना की है। इस उपलब्धि का श्रेय भारत के ऊर्जावान युवाओं को जाता है।
बिरला ने कहा कि जल वायु परिवर्तन, शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य, अंतरिक्ष, सुरक्षा, खेती, मजदूरी, जैसे विस्तृत क्षेत्रों की समस्याओं के समाधान आज के युवाओं को खोजने होंगे और इसके लिए युवाओं के बीच विज़न होना चाहिए। बदलते परिपेक्ष्य में भारत इनोवेशन और रिसर्च का केंद्र बन गया है। आज भारत आत्मनिर्भरता की नई पहचान है और विश्व में स्टार्ट अप्स की राजधानी के रूप में जाने जाना जाता है।
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र, विशालता, विविधता और संस्कार देश की ताकत है। अध्यात्म और संस्कृति के आधार पर विश्व को साथ लेकर चलना भारत की विशेषता है। 2047 में विकसित भारत के प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के विज़न का उल्लेख करते हुए बिरला ने कहा कि अमृत काल में यह दायित्व देश के युवाओं के ऊपर है।
कार्यक्रम में 1912 में से 1603 डिग्रियां प्रदान की गई । जिनमें 919 बीटेक, 436 एम टेक, 99 एमसीए, 45 एमबीए, 22 एमएससी और 82 पी एच डी विद्वानों को डिग्रियां दी गयी। इस समारोह के माध्यम से 59 विदेशी छात्रों व भारतीय संस्कृति संबंध परिषद के माध्यम से प्रवेश पाने वाले विदेशी छात्रों को भी डिग्री प्रदान की गई। संस्थान के छात्रों को सम्मानित भी किया गया। स्नातकोत्तर छात्रों को 33 स्वर्ण पदक और स्नातक छात्रों को 16 स्वर्ण पदक दिए गए।
कार्यक्रम में डॉ विनोद कुमार सिंह राहुल और अनामिका गौतम प्रोफेसर रसायन विज्ञान विभाग आईआईटी कानपुर विशिष्ट अतिथि थे प्रोफेसर आर एस वर्मा बोर्ड ऑफ गवर्नर के अध्यक्ष और संस्थान के निदेशक व सीनेट के अध्यक्ष प्रोफेसर एल.के मिश्रा, एकेडमी सीनियर सदस्य और डॉक्टर रमेश पांडे इस अवसर पर मौजूद रहे।
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