रामपुर: कोर्ट में चलाई गई आजम के बयान की सीडी, सैनिकों का अपमान करने का मामला
वादी शहर विधायक आकाश सक्सेना की मुख्य परीक्षा हुई पूरी
कोर्ट में बयान दर्ज कराकर आते विधायक आकाश सक्सेना।
रामपुर, अमृत विचार। समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खां के भारतीय सैनिकों का अपमान करने के मामले में सोमवार को एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट में मुकदमे के वादी शहर विधायक आकाश सक्सेना की मुख्य परीक्षा पूरी हो गई है। साथ ही आजम खां के बयान की सीडी भी कोर्ट में चलाई गई। मुख्य परीक्षा पूरी होने के बाद जिरह का सिलसिला शुरू हो गया है। लेकिन, उनकी जिरह पूरी नहीं हो सकी है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 18 अप्रैल को होगी।
मामला जून 2017 का है। सपा नेता आजम खां ने भारतीय सेना के बारे में विवादित बयान दिया था। जिसके बाद टीवी चैनलों और अखबारों में यह बयान प्रसारित व प्रकाशित हुआ। इसी मामले को लेकर शहर विधायक आकाश सक्सेना ने सिविल लाइंस पुलिस से शिकायत की थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि 27 जून को आजम खां ने भारतीय सैनिकों के प्रति अपमानजनक एवं घृणात्मक भाव रखते हुए बयान दिया था। आजम खां का यह बयान भारतीय संविधान और और भारतीय सेना की कार्यशैली के विरूद्ध था। इस बयान के माध्यम से सैनिकों के मन को आघात पहुंचा था। यह भारतीय सैनिकों के मनोबल को कमजोर करने की साजिश थी। आजम खां का बयान विद्रोह का दुष्प्रेरण, राष्ट्रीय एकता व सैनिकों की कर्तव्यनिष्ठा को विचलित करने वाला था। इससे राष्ट्रीय एकता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता, जो कि राष्ट्रद्रोह की श्रेणी में आता था।
विधायक की तहरीर के बाद सिविल लाइंस पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर ली थी। जिसके बाद पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट भी दाखिल कर दी थी। सोमवार को इस मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई थी। सुनवाई के दौरान शहर विधायक आकाश सक्सेना कोर्ट पहुंच गए। वादी के अधिवक्ता संदीप सक्सेना ने बताया कि विधायक की मुख्य परीक्षा पूरी हो गई है। इसके बाद जिरह शुरू हो गई। अभी जिरह पूरी नहीं हो सकी है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 18 अप्रैल को होगी।
यह दिया था बयान
सपा नेता आजम खां ने आपत्तिजनक बयान में कहा था कि महिला दहशतगर्दों ने सेना के जवानों को न केवल पीटा, बल्कि उनकी हत्या भी की। कई बार फौजियों के हाथ और सिर काट लिए जाते हैं, लेकिन इनके न हाथ कटे और न पैर। महिलाओं को उनके जिस हिस्से से शिकायत थी, उसे काट लिया। इस विवादित बयान के साथ भारतीय सैनिकों को रैपिस्ट भी बताया था।
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