बरेली: हाट बाजार थी 40 गांवों का सहरा...उगाही के खेल ने बंद करा दी

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Published By Om Parkash chaubey
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दो वर्ष पहले गांव फरीदापुर इनायत खां में 80 लाख खर्च कर बनाई गई थी, वसूली शुरू हुई तो किसानों ने बाजार में सब्जी की दुकानें लगाना बंद कर दीं

बरेली, अमृत विचार : किसानों की आमदनी और उनको रोजगार देने के मकसद से दो साल पहले गांव फरीदापुर इनायत खां में 80 लाख रुपये खर्च कर हाट बाजार बनाई गई थी, जो 40 गांवों का सहारा थी। मगर अवैध उगाही के चलते किसानों ने बाजार में सब्जी की दुकानें लगाना बंद कर दीं। अब यह हाट बाजार पूरी तरह से निष्प्रयोज्य साबित हो रही है। इसका लाभ किसानों को नहीं मिल रहा है।

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दो साल पहले आंवला सांसद धर्मेंद्र कश्यप ने हाट बाजार का उद्घाटन किया था। 65 से 70 दुकानदारों के बैठने की यहां निशुल्क व्यवस्था थी। करीब पांच महीने मंडी चली। अब परिसर में गुलाब की पत्तियां सुखाई जाती हैं। रविवार को गांव पहुंचकर हकीकत परखी तो कई चौंकाने वाले बात सामने आई।

ग्रामीणों ने बताया कि शुरुआत में हाट बाजार में किसानों को सब्जी की दुकान लगाने के लिए निशुल्क जगह दी जाती थी, लेकिन कुछ समय प्रधान के गुर्गों ने मंडी में दुकान लगाने वाले किसानों से हर महीने वसूली शुरू कर दी। एक दो महीने तक पैसा दिया गया, लेकिन कुछ समय बाद यह धनराशि बढ़ाने की बात कही, जिसके बाद दुकानदारों ने यहां आना बंद कर दिया। श्यामा प्रसाद मुखर्जी रुर्बन मिशन के तहत हाट बाजार का निर्माण कराया गया था।

हाईकोर्ट से जीती जंग, अब अपनों से हार गए: पूर्व प्रधान कमलेश पटेल बताते हैं कि हाट बाजार खोलने के लिए उन्होंने बरेली तहसीलदार कोर्ट से लेकर प्रयागराग हाईकोर्ट तक लड़ाई लड़ी। सांसद धर्मेंद्र कश्यप की पैरवी पर क्षेत्र की जनता को हाट बाजार को समर्पित किया जा सका।

जिले में गांव को प्रथम स्थान मिलने पर मुख्यमंत्री प्रोत्साहन राशि 10 लाख रुपये ग्राम पंचायत को दिलाई। इतनी मेहनत के बाद भी मंडी बंद होने से क्षेत्र की जनता परेशान है। अधिकारी और ग्राम प्रधान चाहते तो यह बदहाली की नौबत नहीं आती।

मंडी को फिर से शुरू कराने की दिशा में कर रहा हूं प्रयास: प्रधान: ग्राम प्रधान धनंजय बताते हैं कि हाट बाजार में मंडी उन्होंने शुरू कराई थी। बंद होने के बाद कई बार इसे पुन: शुरू करने का प्रयास किया, लेकिन कुछ दिन दुकान लगने के बाद फिर चालू नहीं हो सकी।

दुकानदारों से वसूली की बात नकारते हुए कहा कि सफाई कर्मी पूरी मंडी से सफाई के नाम पर महज 100 से 150 रुपये लेते थे। जिससे दुकानदार भी सहमत थे। ग्राम पंचायत की आमदनी बढ़े, इसलिए मंडी को ठेके पर दिए जाने पर विचार चल रहा है, ताकि मंडी शुरू होने से आसपास के गांव के बड़ी संख्या में लोगों को इसका लाभ मिल सके।

कुछ दिन पहले ही पीडी डीआरडीए तेजवंत सिंह को इस संबंध में दिशा निर्देश दिए गए थे कि हाट बाजार को फिर से शुरू कराया जाए। जल्द ही इसे शुरू कराया जाएगा, ताकि किसानों के साथ ग्राम पंचायत की आमदनी का भी यह हाट बाजार साधन बन सके। -जग प्रवेश, सीडीओ

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