रामपुर : जिले भर में कड़ी सुरक्षा के बीच हुई जुमा अलविदा की नमाज
मुल्क की तरक्की और अमन के लिए लाखों हाथ बारगाहे खुदावंदी में उठे, शहर की जामा मस्जिद में शहर काजी ने कहा- एक अल्लाह की जात हमेशा रहेगी कायम
रामपुर, अमृत विचार। जिले भर में जुमा अलविदा की नमाज कड़ी सुरक्षा के बीच अदा हुई। मुसलमानों ने बड़ी तादात में जामा मस्जिद में नमाज अदा की और अपने-अपने मोहल्लों की मस्जिदों में नमाज अदा की। अलविदा जुमा को मुल्क की तरक्की और अमन के लिए लाखों हाथ बारगाहे खुदावंदी में उठे। शहर की जामा मस्जिद में काजी ए शहर सैयद खुशनूद मियां ने खुतबे में कहा कि हमेशा बाकी रहने वाली जात अल्लाह की है। कहा कि रमजान आते-जाते रहें लेकिन, अल्लाह से शिकायत नहीं करें बल्कि सिफारिश करें। जो आया है उसको फना होना है फकत एक जात अल्लाह की है जो हमेशा कायम रहेगी। जो जल्लो-जलालोहू भी है और रब्बुलआलेमीन भी है। जामा मस्जिद के आसपास पर भारी मात्रा में पुलिस फोर्स तैनात रहा।
शहर की जामा मस्जिद में डेढ़ बजे अलविदा जुमा की नमाज काजी ए शहर सैयद खुशनूद मियां ने अदा कराई। इससे पहले काजी ए शहर ने खुतबे में कहा कि रमजानुल मुबारक का अब यह पाक महीना रुख्सत होने वाला है। अल्लाह अपने नेक बंदों का इसका अज्र देगा वह माफ करने वाला है अपने बंदों के गुनाहों को माफ करेगा। जामा मस्जिद में आसपास के गांवों से लोग सुबह से आने शुरू हो गए थे। दोपहर 1:30 बजे तक जामा मस्जिद नमाजियों से भर गई। अजान के बाद काजी ए शहर ने खुतबा दिया और फिर नमाज अदा कराई।
जामा मस्जिद इंतजामिया कमेटी के सेक्रेट्री मुकर्रम रजा इनायती, मौलवी फैजान खां, शुऐब मोहम्मद खां, मोहम्मद फैज, सैयद शुऐब मियां, बब्बू अंसारी, खालिद सैफी, शकील उस्मानी, फहीम कुरैशी समेत हजारों लोग मौजूद रहे। जामा मस्जिद के अलावा शहर की मोती मस्जिद, कोयले वाली मस्जिद, पटरों वाली मस्जिद, लाल मस्जिद, राजद्वारा मस्जिद, मस्जिद नवाब गेट, एक मीनार वाली मस्जिद, कचहरी वाली मस्जिद, मीना बाजार, रेलवे स्टेशन, ज्वालानगर, अजीतपुर आदि मस्जिदें अलविदा जुमे को नमाजियों से भर गईं। जामा मस्जिद पर भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात रहा इसके अलावा सीओ सिटी मय फोर्स के जच्चा-बच्चा सेंटर पर तैनात रहे।
ईद की नमाज से पहले फितरा मुस्तहिक तक जरूर पहुंचाएं : मौलाना नकवी
शहर के मोहल्ला गुइया तालाब स्थित मकबरा जनाबे आलिया में शिया जामा मस्जिद में जुमातुल विदा की नमाज अदा की गई। मौलाना अली मोहम्मद नकवी ने नमाज से पहले हुए खुतबे में गरीबों मिस्कीनों की ज्यादा से ज्यादा मदद करने को कहा। कहा कि ईद की नमाज से पहले फितरा गरीब मुस्तहिक तक जरूर पहुंचा दें ताकि, वह भी अपने बच्चों के साथ ईद की खुशियों में शरीक हो सके। कहा कि अपने माल की जकात अदा करें अल्लाह माल में बरकत पैदा करेगा। कहा कि जकात 12 महीनों में किसी एक महीने को चुनकर अदा की जा सकती है लेकिन, माहे रमजान में अपने माल की जकात निकालना बहुत बेहतर है।
सड़कों पर अदा नहीं हुई अलविदा जुमा की नमाज
अलविदा जुमा की नमाज सड़कों पर अदा नहीं की गई है। वर्ना तो जामा मस्जिद के भर जाने के बाद सराफा बाजार, शादाब मार्केट, गुइया तालाब, पान दरीबा, सफदर गंज, बाजार नसरुल्लाह खां की सड़कों पर नमाज होती थी। इससे पहले सड़कों पर चूने से सफबंदी कर दी जाती थी ताकि, नमाजियों को कतार में खड़े होने में कोई दिक्कत नहीं हो और सीधी सफें बन सकें। शासनादेश के मुताबिक जुमातुल विदा की नमाज मस्जिदों में ही अदा की गई।
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