अयोध्या: ताकि फिर न हो रोडवेज बसों में आग लगने की घटना, फिर से निर्देश जारी

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Published By Deepak Mishra
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परिवहन निगम प्रबंधन ने दिसंबर जनवरी में जारी की थी विस्तृत गाइड लाइन

अयोध्या,अमृत विचार। हिदायत और आवश्यक बजट के आवंटन के बावजूद रोडवेज विभाग में हादसे और बसों में आग लगने  घटनाओं पर लगाम नहीं लग पा रही है। हादसों की पुनरावृत्ति रोकने को लेकर परिवहन निगम मुख्यालय ने फिर से निर्देश जारी किया है। निर्देश के मुताबिक विभाग ने अलग पंजिका बनाकर हिदायतों की कसौटी पर व्यवस्था को परखना शुरू कर दिया है।  

गौरतलब कि पूर्व प्रबंध निदेशक संजय कुमार की ओर से अपने कार्यकाल में रोडवेज बसों के संचालन को सुचारु बनाने तथा हादसों और आग लगने की घटनाओं पर रोकथाम के लिए सभी परिक्षेत्र को कायाकल्प योजना के तहत आवश्यक मेंटिनेंस के लिए 50-50 हजार रूपये मासिक बजट स्वीकृत किया था। साथ ही गत वर्ष 31 दिसंबर और इस वर्ष 6 जनवरी को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किया गया था और वीडियो कांफ्रेंसिंग में हिदायत भी दी गई थी।

 8 मई को रोडवेज की एक बस में आग लगने के बाद मुख्यालय ने फिर से आरएम, एसएम व एआरएम को पत्र जारी कर कड़ाई से निर्देशों के अनुपालन और आग की घटनाओं पर रोकथाम के लिए घटना होने पर क्षेत्रीय प्रबन्धक तथा सेवा प्रबन्धक स्वयं मौका-मुआयना करने और तकनीकी खामी कमी के लिए सेवा प्रबन्धक व डिपो के सीनियर फोरमैन के खिलाफ कार्यवाही को कहा। जिसके बाद विभाग ने कवायद शुरू कर दी है।  

इन कारणों से होती है घटना,रखें ध्यान   
आग लगने की घटना ज्यादातर शार्ट सर्किट के चलते होती है। जिसके लिए इलेक्ट्रिीशीयन तथा सीनियर फोरमैन के माध्यम से सेल्फ स्टार्टर व इसकी वायरिंग, बैट्री वायर, टर्मिनल, पावर कट आफ स्विच, बैट्री वायर एवं अन्य वायरिंग की चेकिंग तथा कट पर टेपिंग, वांछित स्थानों पर वायरइनसुलेशन स्लीव लगाने, डीजल लीकेज रोकने के लिए पाइप एवं इंजन की पूर्ण सफाई, इंजन आयल लेवल, रेडियेटर में कूलेंट, फैन बेल्ट, बैटरी की इलेक्ट्रोलाइट लेवल व ग्रेविटी, टर्नर आदि दुरुस्त रखने को कहा गया है। बचाव के लिए अग्नि शमन यंत्र की उपलब्धता एवं उसकी वैधता और चालक-परिचालक को यंत्र के प्रयोग के लिए सक्षम बनाने की हिदायत दी गई है।

मॉनिटरिंग के साथ किया जा रहा प्रशिक्षित 
मुख्यालय के निर्देश पर रोडवेज विभाग ने चालकों एवं परिचालकों को अग्निशमन यंत्र के प्रयोग का प्रशिक्षण दिलाने, सेवा प्रबंधक की ओर से  डिपो की बसों का भौतिक निरीक्षण शुरू किया गया है। साथ ही डिपो में डीजल लीकेज रोकने एवं इंजन की सफाई का अभियान शुरू करने की तैयारी है।

इसके साथ ही चालकों और परिचालकों के स्वास्थ्य और नेत्र परीक्षण का शिविर आयोजित करने को लेकर योजना पर काम शुरू कराया गया है। सेवा प्रबंधक नीरज सोनकर का कहना है कि तकनीकी स्टाफ और अन्य अधिकारियों को मॉनिटरिंग के साथ एहतियाती उपाय को कहा गया है। बसों में आग लगने की घटनाओं पर रोकथाम के लिए मुख्यालय के निर्देश के मुताबिक सभी कार्यवाही की जा रही है।

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