Bareilly: ईडीयू में बेहतर रैंकिंग के बाद विश्वविद्यालय का विजन-2034

10 साल में देश के बेहतर संस्थानों के बराबर खड़ा होने का लक्ष्य

Bareilly: ईडीयू में बेहतर रैंकिंग के बाद विश्वविद्यालय का विजन-2034

बरेली, अमृत विचार। ईडीयू रैंकिंग में देश के टॉप 100 संस्थानाें में शामिल होने के बाद महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय (एमजेपीआरयू) ने अगले 10 साल में देश के बेहतर संस्थानों के बराबर खड़ा होने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके लिए विजन-2034 तैयार किया गया है। जिसमें देश की टॉप रैंकिंग पाने वाले संस्थानों से तुलना की जा रही है कि वहां क्या बेहतर है और विश्वविद्यालय में क्या कमियां हैं।

प्रेस कांफ्रेंस में कुलपति प्रो. केपी सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय ने लक्ष्य तय किया है, कि सभी रैंकिंग के लिए प्रतिभाग करना है, चाहें रैंक मिले या नहीं। ईडीयू रैंकिंग में विश्वविद्यालय को अच्छा स्थान प्राप्त हुआ है। ईडीयू रैंकिंग में जहां विश्वविद्यालय को प्रदेश में नौवीं और राज्य विश्वविद्यालयों में दूसरी रैंक मिली है तो वहीं बरेली के चार विश्वविद्यालयों में पहले स्थान पर रहा है, जिसमें आईवीआरआई दूसरे नंबर पर रहा है।

आईडीपी एंड रैंकिंग सेल की समन्वयक डॉ. क्षमा पांडेय ने बताया कि विश्वविद्यालय ने क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग, अटल रैंकिंग, टाइम्स हायर एजुकेशन वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग, मेंटल हेल्थ एंड वेल वीइंग रैंकिंग और एनआईआरएफ के लिए आवेदन किया है। पिछली बार एनआईआरएफ में रैंक नहीं मिली थी लेकिन रेस्पांस बेहतर था। इस बार इसमें अच्छी रैंक मिलने की उम्मीद है। अटल रैंकिंग में फोर स्टार मिला, जो काफी अच्छा है।

उन्होंने बताया कि देश के टॉप संस्थानों की तुलना में रुहेलखंड विश्वविद्यालय में शिक्षकों की संख्या कम है, इसके बावजूद हमारे यहां पेटेंट और रिसर्च पब्लिकेशन की संख्या अच्छी है। अब तक 80 पेटेंट विश्वविद्यालय करा चुका है। उन्होंने बताया कि विजन-2034 के तहत विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गुणवत्ता में वृद्धि करना है, जिसमें प्रथम वर्ष में नामांकन की वृद्धि के लिए नियोजित योजना और 2027-28 तक नामांकन में 50 प्रतिशत वृद्धि और 2034 तक शत प्रतिशत नामांकन लक्ष्य को हासिल करना शामिल है।

अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों की तरह समग्र एवं मल्टी डिसिप्लिनरी शिक्षा के लक्ष्य को 2025 तक पूर्ण रूप से लागू करना है। इसके अलावा एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट को वर्ष 2027-28 तक पूर्ण रूप से लागू करना लक्ष्य है। आईसीटी टूल्स युक्त शिक्षण अधिगम के लिए 2034 तक इमर्सिव लर्निंग को आरंभ करना शामिल है।

ब्रांड आडेन्टिटी के लिए ई-पोर्टफोलियो और ई-मेंटरशिप 2025 को लागू करना है।एलुमिनी सहयोग, नेटवर्किंग एवं प्लेसमेट में उनकी भागीदारी को बढ़ाने का प्रस्ताव प्रत्येक वर्ष 10 प्रतिशत प्रतिशत निर्धारित किया गया। अन्तर्राष्ट्रीयकरण के लिए प्रत्येक वर्ष 5 देशों के साथ शैक्षणिक साझेदारी के विभिन्न प्रस्ताव पटल पर हस्ताक्षर के करते अपने विश्वविद्यालय को वैश्विक पर पहचान बनानी है। प्रेस कांफ्रेंस के दौरान आईडीपी एंड रैंकिंग सेल की सदस्य डॉ. इरम नईम, डॉ. राजीव कुमार, डॉ. अमित सिंह और तपन वर्मा मौजूद रहे।

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