रायबरेली: मवेशियों के शरीर ने निकल रहे फोड़े, पशुपालकों में भय
लंपी वायरस की संभावना से चिंतित है लोग
अमृत विचार, रायबरेली। जिले के कई इलाकों में पालतू और बेसहारा मवेशियों के शरीर में फोड़े निकलने का मामला सामने आ रहा है। वहीं लंपी वायरस की संभावनाओं को देखते हुए पशुपालकों में भय व्याप्त है। ऐसे में लोग चिकित्सकों के पास जा रहे हैं, लेकिन मवेशियों को राहत नहीं मिल रही है।
बता दें कि इस समय पशुओं के शरीर में फोड़े निकल रहे हैं। इस संक्रमण से बेसहारा और पालतू दोनों मवेशी प्रभावित है। मवेशियों के शरीर में निकल रहे फोड़ों को देखते हुए पशुपालकों में चिंता व्याप्त हो गई है। यह बीमारी एक दो पशुओं में नहीं, बल्कि सैकड़ों पशुओं में देखी गई है। वहीं जिला प्रशासन और पशु चिकित्सा विभाग लंपी वायरस के प्रभाव को मानने से इंकार कर रहा है। ऐसे में पशुपालकों के सामने बड़ी समस्या है।
पशुपालकों का कहना है कि मवेशियों के शरीर में मोटे-मोटे फोड़े के आकार पूरे शरीर में हो गए हैं। पशुओं के आंख से आंसू आना और बुखार भी है। तमाम इलाज के बावजूद पशुओं को कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। चेचक की तरह दिखने वाली यह बीमारी लगातार फैल रही है। जिसके कारण पशुपालकों ने पशुओं का दूध तक लेना बंद कर दिया है। गंगा के कटरी क्षेत्र में हजारों की संख्या में घूम रहे बेसहारा मवेशियों में यह बीमारी बहुत तेजी के साथ फैल रही है।
ऊंचाहार के डाड़ेपर गांव निवासी अधिवक्ता राज नारायण मिश्र ने बताया कि करीब 15 दिन पहले से शुरू हुई थी।यह बीमारी बहुत तेजी के साथ मवेशियों में फैल रही है। इस बारे में ऊंचाहार के पशु चिकित्सा अधिकारी को भी अवगत कराया गया है। उसके बावजूद भी पशु चिकित्सा विभाग की तरफ से कोई प्रयास नहीं किए गए। जिसका परिणाम यह है कि सैकड़ों की संख्या में मवेशी इस विचित्र बीमारी का शिकार हो गए हैं और आने वाले दिनों में यह बड़े रूप में फैल सकती है। जिला पशु चिपिताधिकारी डा अनिल सिंह ने बताया कि जनपद में कहीं भी लंपी वायरस की शिकायत नहीं है। इस बीमारी के बारे में पता लगाने के लिए टीम भेजी जा रही है ।
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