अयोध्या : ईद-उल-अजहा को लेकर गुलजार हुई बकरा मंडी, उमड़ रहे खरीदार

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Published By Pradumn Upadhyay
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अमृत विचार, अयोध्या । ईद-उल-अजहा को लेकर बकरा मंडी गुलजार हो गई है। इस बार भी एक से एक बकरे बकरा मंडी की रौनक बढ़ा रहे हैं। खास कर दो दिनों से बाजार में शेरा और सुल्ताना बकरों की चर्चा दूर-दूर तक है। यहां शेरा सवा लाख का तो सुल्ताना 90 हजार का है। हालांकि अभी दोनों को खरीदार नहीं मिले हैं। वहीं इस बार बकरा मंडी में अव्यवस्था को लेकर लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कोई इंतजाम न होने के कारण लोग पूरी मंडी में इधर-उधर भटकने के लिए मजबूर हैं।

आगामी 29 जून को ईद-उल-अजहा का पर्व मनाया जायेगा। इसे लेकर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने तैयारी शुरू कर दी है। चूंकि यह पर्व कुबार्नी का है इसलिए बकरा मंडी में भीड़ जुट रही है। हालांकि बकरा मंडी के अलावा भी लोग गांव-गिराव से बकरे खरीद कर लाते हैं। इस बार आर्य कन्या रोड स्थित बकरा मंडी में सामान्य बकरों से लेकर जोड़ी और खासुलखास बकरों को बिक्री के लिए लाया जा रहा है। यहां गोंडा, बस्ती, सुल्तानपुर, बाराबंकी, अम्बेडकरनगर और फैजाबाद के स्थानीय व्यापारी बकरे लेकर आते हैं। हालांकि इस बार अम्बेडकरनगर और सुल्तानपुर से बकरा व्यापारियों की आमद कम है। बाराबंकी नगर कोतवाली क्षेत्र के रहने वाले उस्मान अली अपने शेरा को लेकर पहुंचे हैं।

उन्होंने बताया कि शेरा का वजन 30 किलो से अधिक है और उसे एक साल से पाल रहे हैं। उन्होंने बताया कि फिलहाल इसकी कीमत सवा लाख रुपये निर्धारित की है लेकिन अभी कोई खरीदार नहीं मिला है। करीब पांच फुट का शेरा लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। कमेटी के सदस्य फारुख का कहना है कि इतनी कीमत को लेकर अभी संशय है। वहीं नौगढ़ा के आफाक अहमद ने अपने पाले गए बकरे का नाम सुल्ताना रखा है। उन्होंने बताया कि नब्बे हजार कीमत है और वजन 18 किलो से ऊपर है। उन्होंने बताया कि कुबार्नी के लिए बकरे को एक साल से तैयार किए हैं। फिलहाल उन्हें भी अभी तक खरीदार नहीं मिला है। मंडी में जोड़ी के बकरों की धूम है। यहां जोड़ी के आठ बकरे बिकने आए थे जिनमें से दोपहर तक पांच बिक गए। जोड़ी के बकरों की कीमत 25 से 30 हजार रुपये है। इसके अलावा यहां बकरा मंडी में 9 हजार से 12, 16 और 18 हजार तक के बकरे हैं। लोगों ने बताया कि मंगलवार से बिक्री में तेजी आयेगी।

अव्यवस्था की शिकार है बकरा मंडी

इस बार बकरा मंडी में खरीदारी करने आने वालों के लिए कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं। पूरी मंडी में गंदगी और कीचड़ के साथ जगह-जगह कूड़े लगे हुए हैं। व्यापारियों की शिकायत है कि इस बार टोकन भी अधिक लिया जा रहा है। शिकायत की गई तो मंडी के लोगों ने चुप करा दिया। खरीदारों को भी रसीद के लिए दस रुपये अधिक देने पड़ रहे हैं और सुविधा कुछ नहीं है। वली अब्बास, तुफैल अहमद ने बताया कि गत वर्ष व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त थी इस बार लचार है।

इसलिए मनाई जाती है बकरीद

इस्लामिक धर्म की मान्यता के अनुसार हजरत इब्राहिम अपने पुत्र हजरत इस्माइल को इसी दिन खुदा के हुक्म पर खुदा कि राह में कुर्बान करने जा रहे थे, तो अल्लाह ने उसके पुत्र को जीवनदान दे दिया जिसकी याद में यह पर्व मनाया जाता है। मुस्लिम समुदाय में बकरीद के इस पर्व को मनाने का विशेष कारण है। इसे लेकर घरों में भी तैयारियां शुरू हो गई हैं।

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