मुरादाबाद मंडल में बढ़ गया 34,000 हेक्टेयर गन्ने का रकबा

बिजनौर जनपद में सबसे ज्यादा 10,398.43 हेक्टेअर और अमरोहा में सबसे कम 2151.56 हेक्टेअर बढ़ा रकवा

मुरादाबाद मंडल में बढ़ गया 34,000 हेक्टेयर गन्ने का रकबा

मुरादाबाद जिले में पिछले साल के मुकाबले 4342.02 हेक्टेअर बढ़ गया रकवा, मंडल में आठ लाख किसान करते हैं गन्ने की खेती

मनोज पंवार,अमृत विचार। मंडल में सर्वे के बाद करीब 34000 हेक्टेअर गन्ना रकबा बढ़ गया है। पिछले पेराई सत्र के मुकाबले बिजनौर जनपद में सबसे ज्यादा 10,397.54 हेक्टेअर और सबसे कम 2153 हेक्टेअर रकबा अमरोहा जिले में बढ़ा है। इस साल शासन की नीति के अनुसार सिर्फ पौधे (नौलक) का ही सर्वे कराया गया। अगर कहीं पर पशु या दूसरी किसी वजह से नुकसान हुआ है, तो उसका भी सर्वे कराया जा रहा है। सर्वे रिपोर्ट को एसजी पोर्टल (स्मार्ट गन्ना किसान पोर्टल) पर अपलोड कर दिया गया है।

पश्चिमी यूपी में गन्ने की फसल बड़े पैमाने पर की जाती है। मुरादाबाद मंडल में करीब आठ लाख किसान गन्ने की खेती कर रहे हैं। इस साल भी किसान गन्ने की फसल को प्राथमिकता दे रहे हैं। हालांकि लागत के अनुसार गन्ने की फसल का रेट कम जरूर रहता है, लेकिन किसानों को इस फसल से फायदा ज्यादा मिलता है। अक्टूबर के अंतिम सप्ताह से चीनी मिलों में गन्ना पेराई शुरू हो जाती है और अप्रैल तक चलती हैं। किसानों को गन्ने का भुगतान एक मुश्त मिलता रहता है। जिससे किसानों को फायदा मिलता है। हालांकि किसान नेताओं का मानना है कि गन्ने का रेट लागत के अनुसार नहीं मिल पा रहा। किसान बड़े पैमाने पर गन्ने की खेती कर रहे हैं। पूरे मंडल इस साल गन्ने का रकबा 34,022.20 हेक्टेअर बढ़ा है।

अधिक गन्ना पेराई होने से चीनी का उत्पादन भी अधिक होगा। कुछ किसान तो फरवरी में ही नए पौधे की बुआई कर देते है। जिससे गन्ने की पैदावार अच्छी होती है। अब किसानों को गन्ना पर्ची भी मोबाइल पर एसएमएस के जरिए मिल जाती है, उसे ज्यादा परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता। पिछले साल मंडल में 5,35,689.76 हेक्टेयर में गन्ने की खेती की गई, जो की इस साल 5,69,711.96 हेक्टेयर में गन्ने की खेती की जा रही है। भाकियू शंकर के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी दिवाकर सिंह कहते हैं कि प्रदेश में एएसपी (स्टेट एडवाइज प्राइज) लागू किया जाए। इससे किसानों को और फायदा मिलेगा।

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मंडल भर में गन्ने का सर्वे हो चुका है और उसे एसजी पोर्टल पर अपलोड भी कर दिया गया है। हालांकि पौधे को अभी पेड़ी में बदला जा रहा है। कुछ जनपदों में अगर कहीं पर गन्ने की फसल में नुकसान हुआ है तो उसका भी सर्वे कराया जाएगा। इसकी रिपोर्ट भी 17 जुलाई तक पूरी कर ली जाएगी। इसके बाद गन्ना रकबा में कुछ कमी आ सकती है। क्योंकि नुकसान वाली पेड़ी को रिकार्ड से हटाया जाएगा। किसानों को किसी तरह की परेशानी नहीं होने दी जाएगी।-हरपाल सिंह, उप गन्ना आयुक्त

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