बरेली: जागो ग्राहक जागो...क्योंकि बात आपके सोने की है
गोल्ड लोन के लिए हुए आवेदन पर जांच में मानकों पर खरी नहीं उतरी जेवरों की शुद्धता
अनुपम सिंह/बरेली, अमृत विचार। सोने के आभूषणों पर फर्जीवाड़े के खेल को रोकने के लिए हाॅलमार्क की सुविधा भी फेल हो रही है। अधिक कमाई के चक्कर में हाॅलमार्क में खेल कर ग्राहकों को चपत लगाई जा रही है। इसका खुलासा पिछले दिनों गोल्ड लोन लेने के लिए किए गए आवेदनों के बाद आभूषणों की जांच में हुआ है।
लोग हॉलमार्क की मोहर लगी ज्वैलरी इसलिए खरीदते हैं कि इसमें शुद्धता की गारंटी है। इस साल जिले के 34 हजार से अधिक लोगों ने गोल्ड लोन के लिए आवेदन किए थे। इन जेवरों पर मोहर 22 कैरेट की लगी थी, लेकिन जांच में 18 कैरेट ही सोना निकला। ऐसे 4100 मामले पकड़ में आए। 22 कैरेट मोहर वाले में 75 फीसदी सोना ही निकला, जबकि 91 फीसदी का मानक है।
सौ सैंपलों की जांच, रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं
जिले में सोने के आभूषणों के अब तक करीब 100 सैंपल सराफा दुकानों और हॉलमार्क सेंटर से लिए जा चुके हैं। इसकी निगरानी लखनऊ की बीआईएस की टीम करती है। टीम के ही लोग बरेली आकर समय-समय पर सैंपल लेते रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक कई सैंपल सही तो कुछ में गड़बड़ियां भी पाई गईं हैं, लेकिन टीम ने रिपोर्ट को आज तक सार्वजनिक नहीं की है। इन मामलों में की गई कार्रवाई को भी गोपनीय रखा गया है।
बीआईएस एप से पकड़िए होलमार्क का ''''खेल''''
साहूकारा बाजार में स्थित हॉलमार्क सेंटर संचालक गणेश सावंत के मुताबिक सोने की गुणवत्ता जांचने के लिए ग्राहक अपने मोबाइल पर बीआईएस (भारतीय मानक ब्यूरो) एप डाउनलोड कर सकते हैं। सोना खरीदते समय ज्वैलरी एचयूआईडी (होलमार्क नंबर) को एप में डालकर चेक करना चाहिए। इससे सोना कितने कैरेट का है, मोहर कितने की है, किस दुकान से खरीदा गया है, किस सेंटर से हाॅलमार्क लगाया गया, इसकी पूरी जानकारी आ जाएगी। कैरेट में अंतर आने पर शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। हॉलमार्क यूपी के 19 जिलों में लागू है, उसमें बरेली भी शामिल है।
18 और 22 कैरेट बेचने की अनुमति
सराफा एसोसिएशन महानगर अध्यक्ष संदीप अग्रवाल मिंटू ने बताया कि बीआईएस के अधिनियम के तहत 18 और 22 कैरेट सोने पर हॉलमार्क लगाकर बेचने की अनुमति है। 14, 20, 23, 24 कैरेट के सोने पर बीआईएस की मोहर लगाकर जेवरात बेचने की सरकार ने मान्यता नहीं दी है। 18 कैरेट के आभूषणों में 75 और 22 कैरेट की ज्वैलरी पर 91.6 फीसदी सोना होता है।
15 जनवरी 2021 से अनिवार्य हुई थी हॉल मार्किंग
04 हॉलमार्क सेंटर हैं जिले में
400 के करीब वस्तुओं पर एक सेंटर में हॉल मार्किंग होती है सहालग में
1200 के करीब जिले में सराफा की दुकानें हैं
15 फीसदी अधिक चार्ज देना होता है हॉल मार्क के गहनों पर
06 अंकों का हॉलमार्क लगा होता है आभूषणों पर े
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