बरेली: कितनी ही जान चली जाएं... जांच में हेराफेरी करने भर का खेल है बिजली विभाग के लिए

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Published By Om Parkash chaubey
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खुले और टूटे तारों की चपेट में आकर लगातार मौतों के बावजूद विभाग में तय नहीं की जा रही किसी भी स्तर पर जवाबदेही

बरेली,अमृत विचार : शटडाउन लिए जाने के बाद भी बिजली की सप्लाई चालू कर दिए जाने के कारण अलीगंज में जन्माष्टमी शोभायात्रा में तीन श्रद्धालुओं के गंभीर रूप से झुलस जाने की घटना को भी बिजली विभाग के अफसर मानवीय चूक बताकर पल्ला झाड़ने की फिराक में हैं। पिछले कुछ महीनों में इस तरह की कई घटनाएं हुई हैं।

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कई लोगों की जान जा चुकी है और तमाम लोग गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं लेकिन एक भी मामले में बिजली विभाग में किसी की जवाबदेही तय नहीं हुई है। प्रशासन के उच्चाधिकारियों की भूमिका भी जांच का आदेश भर देने तक सीमित है। जनप्रतिनिधि झूठी सांत्वना के अलावा कुछ नहीं दे पा रहे हैं।

शटडाउन कराई गई लाइन में सप्लाई शुरू कर देने की अलीगंज में पहली घटना नहीं हुई है। चौकी चौराहे के पास कुछ समय पहले ही शटडाउन लेकर बिजली के पोल पर चढ़कर फाल्ट ठीक कर रहे संविदा कर्मचारी की भी करंट लगने से मौत हो गई थी। फाल्ट लोकेटर मशीन के उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान हुए धमाके में तो वन मंत्री डॉ. अरुण कुमार हादसे का शिकार होने से बाल-बाल बच गए थे।

इसी तरह किला इलाके में पिछले दिनों खुले ट्रांसफार्मर से करंट लगने से छात्रा लक्ष्मी की मौत होने के बाद तो जांच तक नहीं कराई गई। आंवला में अचानक घरों में तेज वोल्टेज पहुंचने से मोबाइल चार्जिंग पर लगा रहे एक युवक की करंट लगने से मौत हो गई थी। कई और घरों में पांच-छह लोग झुलस गए। तब भी अधिकारियों ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि चार्जर में करंट आने से युवक की मौत हो गई।

पता नहीं लगा... कौन था कैलाश की मौत का जिम्मेदार: चौकी चौराहे के पास पिछले साल बिजली के खंभे पर काम करते समय संविदा कर्मचारी कैलाश की करंट से मौत हो गई थी। वह शटडाउन लेकर काम करने पोल पर चढ़े थे। इसी बीच अचानक बिजली सप्लाई शुरू कर दिए जाने से दुर्घटना हो गई।

संविदा कर्मी के परिवार का गुस्सा शांत करने के लिए इस घटना के बाद एसई विकास सिंघल, एक्सईएन प्रथम आरके पांडेय, एसडीओ प्रथम विजय कुमार कनौजिया, एसडीओ सेकेंड संजीव गुप्ता और जेई विधेश सिंह के खिलाफ रिपोर्ट तो दर्ज करा दी गई लेकिन पुलिस की जांच में क्या किया, कुछ पता नहीं लगा। चीफ इंजीनियर की ओर से भी एसई ग्रामीण अशोक कुमार चौरसिया और एक्सईएन मुकेश कुमार को जांच सौंपी, लेकिन यह जांच भी तमाम और जांचों की तरह हो ही नहीं पाई।

फाल्ट लोकेटर मशीन धमाके के दोषी भी बच गए: रामपुर बाग में 20 मार्च को सबस्टेशन में फाल्ट लोकेटर मशीन के उद्घाटन से पहले वन मंत्री डॉ. अरुण कुमार को जब उसका डेमो दिखाया जा रहा था, तभी भीषण धमाका हो गया था। वनमंत्री समेत कई उच्चाधिकारी इस घटना में बाल-बाल बचे।

कमिश्नर के आदेश पर एडीएम सिटी डाॅ. आरडी पांडेय की पांच सदस्यीय टीम ने जांच की थी। रिपोर्ट में जेई श्यामवली वर्मा, एसडीओ विजय कुमार कन्नौजिया को पूरी तरह और एसई विकास सिंघल को आंशिक दोषी माना गया था लेकिन कार्रवाई किसी पर नहीं हुई।

चार्जर में करंट आने को बता दिया मौत की वजह: आंवला के गांव बहोड़ा खेड़ा गांव के घरों में अचानक हाई वोल्टेज करंट आने से कई घरों में धमाके साथ बिजली के उपकरण फुंक गए थे, करंट से एक युवक धर्मेंद्र सिंह की भी मौत हो गई थी। घटना में अलग-अलग घरों में कई लोग लोग झुलसे। गांव के लोगों ने गलत तार जोड़ने को हादसा होने का कारण बताया लेकिन जांच कमेटी ने अविश्वसनीय रिपोर्ट बनाकर मामला रफादफा कर दिया।

अधीक्षण अभियंता अशोक कुमार चौरसिया ने बताया कि जांच कमेटी के अनुसार चार्जर में करंट आने से धर्मेंद्र की मौत हुई थी। रिपोर्ट में इस बात का कोई जिक्र नहीं किया गया कि गांव के दूसरे घरों में इतने उपकरण कैसे फुंक गए।

फाल्ट लोकेटर मशीन के हादसे की जांच रिपोर्ट मुख्यालय भेज दी गई है। इसमें जो अधिकारी दोषी पाए गए थे, उनके खिलाफ मुख्यालय स्तर से ही कार्रवाई होगी। - राजीव कुमार शर्मा, चीफ इंजीनियर

अलीगंज घटना को लेकर जांच के लिए दो सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया है। जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा कि हादसे किस वजह से हुआ। - अशोक कुमार चौरसिया, अधीक्षण अभियंता

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