बरेली: प्रधानमंत्री  का इस्तीफा मांग रहा शख्स... क्या करें डीएम, जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत बनी मुसीबत

Amrit Vichar Network
Published By Vikas Babu
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बीआई बाजार निवासी नितिन भाटिया की जनसुनवाई पोर्टल पर की शिकायत नौ महीने से बनी हुई है डीएम के लिए मुसीबत

बरेली, अमृत विचार। कैंट के बीआई बाजार के एक शख्स को प्रधानमंत्री का इस्तीफा ही नहीं चाहिए बल्कि राष्ट्रपति से भी उसे मुलाकात करनी है। जनसुनवाई पोर्टल के जरिए यह मांग पूरी करने के लिए उसने कुछ इस कदर प्रशासन का पल्ला पकड़ा है कि डीएम के लिए मुसीबत बन गया है। 

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महीनों से शिकायत पर शिकायत हो रही है और डीएम सफाई देते-देते परेशान हैं कि उसकी यह मांग उनके स्तर से पूरी नहीं हो सकती। हाल ही में डीएम की मुश्किल तब और बढ़ गई जब कमिश्नर के कार्यालय से शिकायत का निस्तारण न होने पर उसे सी श्रेणी दे दी गई है। यानी डीएम अब शिकायत के निपटारे में नाकामी की जवाबदेही में भी उलझ गए हैं।

प्रधानमंत्री का इस्तीफा मांगने वाले शख्स नितिन भाटिया ने सार्वजनिक निधि के दुरुपयोग और शपथ पत्र में गलत सूचनाएं देने को इसके लिए कारण बताया है। उनकी शिकायत में परिवार के शोषण, संविधान के उल्लंघन और भ्रष्टाचार जैसे कई और बिंदु हैं जिन्हें रोकने के लिए वह राष्ट्रपति से मिलना चाहते हैं। 

जनवरी में जनसुनवाई समाधान पोर्टल पर दर्ज कराई गई यह शिकायत तभी से प्रशासनिक अधिकारियों के लिए मुसीबत बनी हुई है। निस्तारण न होने के कारण नितिन भाटिया ने बार-बार शिकायत की। इसी क्रम में वह मुख्यमंत्री के लोक शिकायत अनुभाग में पहुंचीं जहां से लोक शिकायत अधिकारी ने उसके निस्तारण के लिए 31 जनवरी को बरेली के डीएम को संदर्भित कर दिया था।

लोक शिकायत अधिकारी ने इसके साथ डीएम को जारी निर्देश में नियमों के मुताबिक उसके निस्तारण के लिए कार्रवाई की अपेक्षा जताई। हाल ही में 22 सितंबर को कमिश्नर की ओर से भी डीएम को शिकायत के निस्तारण का आदेश जारी किया गया। डीएम इस बीच कमिश्नर से लेकर शासन तक यह अवगत करा चुके हैं कि इस शिकायत का निस्तारण उनके स्तर पर संभव नहीं है लेकिन फिर भी शिकायत लगातार दफ्तर-दफ्तर दौड़ रही है। 

इसका असर मासिक आईजीआरएस रैंकिंग पर भी पड़ रहा है। हाल ही में कमिश्नर कार्यालय से शिकायत को अनिस्तारित मानते हुए उसे सी श्रेणी दे दिए जाने से डीएम कार्यालय की उलझन और बढ़ गई है। उधर, नितिन भाटिया ने अपनी शिकायतों का निस्तारण न होने पर प्रधानमंत्री कार्यालय और राष्ट्रपति कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों को भी असंतुष्ट फीडबैक देकर मामले को और पेचीदा बना दिया है।

डीएम ने कमिश्नर को फिर लिखा- हमारे स्तर से पूरी नहीं हो सकती यह मांग
डीएम शिवाकांत द्विवेदी ने 26 सितंबर को कमिश्नर सौम्या अग्रवाल को चिट्ठी लिखकर फिर सफाई दी है। इसमें नितिन भाटिया की शिकायत को मंडल स्तर पर सी श्रेणी दे दिए जाने का उल्लेख करते हुए कहा है कि नितिन भाटिया की शिकायत राष्ट्रपति से मिलने और प्रधानमंत्री के इस्तीफे के साथ सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय से भी संबंधित है जिसका निस्तारण जनपद स्तर पर संभव नहीं है। 

उनके दोनों संदर्भों को तय व्यवस्था के अनुसार लाल क्रॉस बटन दबाकर वापस किया गया जिसे शासन स्तर पर निस्तारित कर दिया गया। शिकायत से स्पष्ट है कि शिकायतकर्ता ने अर्थहीन बात की है। वह राष्ट्रपति से मिलना चाहते हैं जो जनपद स्तर से संभव नहीं है। शिकायतकर्ता को भी वस्तुस्थिति से अवगत करा दिया है। डीएम ने नितिन भाटिया के सभी संदर्भों को संतोषजनक में परिवर्तित करने का निर्देश जारी करने का कमिश्नर से अनुरोध किया है। इससे पहले 17 फरवरी को भी डीएम ने इसी तरह की चिट्ठी लिखी थी।

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