बरेली: स्कूल परमिट पर वाहन चलाना मुश्किल, 28 से अनिश्चतकालीन हड़ताल की चेतावनी
इंडिपेंडेंट स्कूल ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने कमिश्नर, डीएम और डीआईओएस को सौंपा ज्ञापन, पदाधिकारियों ने कहा- पूरे शहर में सिर्फ पांच फीसदी हैं स्कूलों के अपने वाहन
बरेली,अमृत विचार : स्कूल परमिट पर वाहन चलाने के आदेश का विरोध शुरू हो गया है। इस संबंध में गुरुवार को इंडिपेंडेंट स्कूल ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मंडलायुक्त, जिलाधिकारी और डीआईओएस को ज्ञापन देकर उन्हें राहत देने की मांग की है। मांग पर सुनवाई न होने पर 28 से अनिश्चतकालीन हड़ताल करने की चेतावनी दी है। अगर ऐसा हुआ तो बच्चों को स्कूल आवागमन में दिक्कत होगी।
दरअसल, बीते दिनों मंडलायुक्त की ओर से स्कूल बस संचालकों को आदेश जारी कर सिर्फ स्कूल परमिट वाले वाहन ही चलाने के आदेश दिए गए थे। संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि शहर में बच्चों के स्कूल से आवागमन के लिए जो वाहन लगे हैं, उसमें स्कूल के स्वयं के वाहन महज 5 फीसदी ही है, शेष ऑल इंडिया, यूपी परमिट और ठेका परमिट पर चल रहे हैं। इन वाहनों के संचालन से संचालकों के परिवार का भरण पोषण होता है।
इंडिपेंडेंट स्कूल ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष निशांत पंवार ने बताया कि इस आदेश से वाहन संचालकों के परिवार के लोगों के भरण पोषण का संकट खड़ा हो जाएगा। वाहनों को जीपीएस, सीसीटीवी कैमरे, स्पीड गवर्नर आदि शर्तों के साथ वाहनों को चलाया जाएगा। अगर 27 तक मांगें नहीं मानी जाती हैं तो 28 नवंबर से अनिश्चित कालीन धरना दिया जाएगा।
इसलिए हो रहा विरोध: बस संचालकों का कहना है कि सिर्फ स्कूल परमिट पर वाहनों को चलाते हैं तो अपने वाहनों का इस्तेमाल पर्यटन, बरात आदि कार्यों के लिए नहीं कर सकेंगे। इसके अलावा न चाहते हुए भी अभिभावकों पर भी किराए का अतिरिक्त भार पड़ेगा। संगठन ने अभिभावकों से भी बढ़ा हुआ किराया लेने की भी मांग की है और इस संबंध में अभिभावक संघ को भी ज्ञापन देकर अवगत करा दिया है।
ई रिक्शा और ऑटो में बैठाए जा रहे हैं 10 से 15 बच्चे, इनके संचालन पर लगे रोक: एसोसिएशन के मुताबिक मानक विरुद्ध ई रिक्शा और ऑटो में 10 - 15 बच्चे बैठाए जाते हैं। इससे हादसा की आशंका बनी रहती है। उन्होंने अधिकारियों से ऐसे ई-रिक्शा और ऑटो के संचालन पर रोक लगाने की मांग की है।
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